Puja Khedkar: संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) द्वारा उनके खिलाफ कई कार्रवाइयां शुरू करने के कुछ घंटों बाद, जिसमें कथित तौर पर अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करके अनुमत सीमा से अधिक प्रयासों का लाभ उठाने के लिए सिविल सेवा परीक्षा-2022 (Civil Services Exam-2022) में उनकी उम्मीदवारी को रद्द करने के लिए प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज (FIR registered) करना और कारण बताओ नोटिस (show cause notice) (एससीएन) जारी करना शामिल है।
आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर ने शुक्रवार (19 जुलाई) को कहा कि वह न्यायिक कार्यवाही का जवाब देंगी, जो मामले में अपना काम करेगी। खेडकर ने मीडिया से कहा, “न्यायपालिका अपना काम करेगी; जो भी हो, मैं उसका जवाब दूंगी।” खेडकर हाल ही में पुणे में अपने प्रशिक्षण के दौरान शक्ति और विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने के अतिरिक्त आरोपों का भी सामना कर रही हैं।
#WATCH | Washim, Maharashtra: On UPSC filing FIR against her, Trainee IAS Officer Puja Khedkar says, “The judiciary will take its course. Whatever is there, I will reply to that…” pic.twitter.com/MlJHx5OcR9
— ANI (@ANI) July 19, 2024
यूपीएससी ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के खिलाफ कार्रवाई शुरू
गौरतलब है कि विवादास्पद आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर का यह बयान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आज (19 जुलाई) उनके खिलाफ कई कार्रवाई शुरू करने के बाद आया है, जिसमें फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में पुलिस में मामला दर्ज करना भी शामिल है। आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 में उनकी उम्मीदवारी रद्द करने और भविष्य की परीक्षाओं और चयनों से वंचित करने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) भी जारी किया है।
आयोग का आधिकारिक बयान
आयोग ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार सुश्री पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर के दुर्व्यवहार की विस्तृत और गहन जांच की है। इस जांच से पता चला है कि उसने अपना नाम, अपने पिता और माता का नाम, अपनी तस्वीर/हस्ताक्षर, अपनी ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर अपनी पहचान बदलकर परीक्षा नियमों के तहत अनुमेय सीमा से अधिक प्रयासों का धोखाधड़ी से लाभ उठाया।”
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एफआईआर दर्ज
इसमें कहा गया है, “इसलिए यूपीएससी ने पुलिस अधिकारियों के पास प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करके आपराधिक अभियोजन सहित उनके खिलाफ कई कार्रवाई शुरू की है और सिविल सेवा परीक्षा-2022 के नियमों के अनुसार सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उनकी उम्मीदवारी रद्द करने/भविष्य की परीक्षाओं/चयनों से रोकने के लिए कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया है।”
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