Pune Porsche Accident Case: 19 मई की सुबह पुणे (Pune) के कल्याणी नगर इलाके में एक तेज़ रफ़्तार पोर्श कार (Porsche Car) ने दो युवा आईटी पेशेवरों की मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई। कथित तौर पर यह कार 17 वर्षीय एक लड़के द्वारा चलाई जा रही थी। पुणे पुलिस (pune police) के अनुसार, किशोर उस समय नशे में था। सोमवार को, पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने दावा किया कि किशोर के रक्त के नमूनों को हटा दिया गया और उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति के नमूने लिए गए, जिसमें शराब के कोई निशान नहीं मिले।
पुणे पुलिस ने ससून जनरल अस्पताल के फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अजय टावरे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीहरि हलनोर और डॉ. टावरे के अधीन काम करने वाले कर्मचारी अतुल घाटकांबले को गिरफ्तार किया है। उन्हें 30 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
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घटनाओं की जानकारी
न्यूज18 ने अज्ञात स्रोतों का हवाला देते हुए उन घटनाओं की जानकारी दी, जिसके कारण किशोर ड्राइवर के रक्त के नमूने में हेरफेर किया गया। पुणे पोर्श दुर्घटना के बाद क्या हुआ?
- 19 मई को सुबह 11 बजे नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल ससून जनरल अस्पताल ले जाया गया।
- किशोर के पिता विशाल अग्रवाल ने डॉ. अजय टावरे से संपर्क किया।
- डॉ. अजय टावरे ने डॉ. श्रीहरि हल्नोर से सैंपल बदलने को कहा, जिसके बाद दूसरे व्यक्ति का ब्लड सैंपल फॉरेंसिक लैब भेजा गया।
- ससून जनरल अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि नाबालिग आरोपी ने शराब नहीं पी थी।
- पुलिस ने नाबालिग आरोपी से दूसरे सरकारी अस्पताल में डीएनए जांच के लिए दूसरा ब्लड सैंपल लिया।
- दूसरा ब्लड सैंपल नाबालिग आरोपी और पिता दोनों से मेल खाता था।
- ससून जनरल अस्पताल से लिया गया ब्लड सैंपल आरोपी से मेल नहीं खाता।
- पुलिस पूछताछ के दौरान डॉक्टर ने ब्लड सैंपल बदलने की बात स्वीकार की।
- पुणे पुलिस को संदेह है कि गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों की मदद लैब टेक्नीशियन या अटेंडेंट ने की थी।
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पैनल ने ससून अस्पताल का दौरा किया
पोर्शे कार दुर्घटना में शामिल किशोर चालक के रक्त के नमूनों में कथित हेराफेरी की जांच कर रही तीन सदस्यीय समिति ने मंगलवार को ससून जनरल अस्पताल का दौरा किया और मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों से भी मुलाकात की। संबंधित घटनाक्रम में, एक स्थानीय अदालत ने परिवार के चालक के ‘अपहरण’ के मामले में 17 वर्षीय किशोर के पिता को 31 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। ग्रांट मेडिकल कॉलेज और जेजे ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की डीन डॉ. पल्लवी सापले की अध्यक्षता वाली समिति दिन में पहले ही ससून अस्पताल पहुंच गई।
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पुणे क्राइम ब्रांच
समिति ने पुणे क्राइम ब्रांच के कार्यालय का भी दौरा किया, जिसने दुर्घटना मामले को अपने हाथ में ले लिया है। डॉ. सापले ने कहा, “हम अपनी टिप्पणियां राज्य सरकार को सौंपेंगे और यह सरकार का विशेषाधिकार है कि वह क्या कार्रवाई करना चाहती है।” उन्होंने कहा, “हमें सरकार द्वारा जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।”
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