Pune Porsche Accident Case: एक अधिकारी ने आज (31 मई) बताया कि पुणे पुलिस (pune police) ने किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) (जेजेबी) को पत्र लिखकर पोर्श दुर्घटना (Porsche Accident) में कथित रूप से शामिल नाबालिग के खिलाफ जांच की अनुमति मांगी है, जिसमें दो तकनीशियन मारे गए थे।
पुलिस का दावा है कि 17 वर्षीय किशोर नशे की हालत में लग्जरी कार चला रहा था, जब 19 मई (रविवार) को शहर के कल्याणी नगर इलाके में यह घातक दुर्घटना हुई। वह 5 जून (बुधवार) तक निगरानी गृह में है।
Pune police seek permission from Juvenile Justice Board to probe minor involved in fatal Porsche crash
— Press Trust of India (@PTI_News) May 31, 2024
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जून तक बाल सुधार गृह में भेजा
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) शैलेश बलकावड़े ने कहा, “हमने जेजे बोर्ड को पत्र लिखकर नाबालिग की जांच करने की अनुमति मांगी है।” किशोर न्याय बोर्ड ने दुर्घटना के कुछ घंटों बाद बिल्डर विशाल अग्रवाल के बेटे किशोर को जमानत दे दी और उसे सड़क सुरक्षा पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा। भारी आलोचना के बीच पुलिस ने फिर से किशोर न्याय बोर्ड से संपर्क किया, जिसने आदेश में संशोधन करते हुए उसे 5 जून तक निगरानी गृह में भेज दिया।
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धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार
नाबालिग के पिता और दादा को उनके परिवार के ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने, उसे नकदी और उपहारों का लालच देने और बाद में दुर्घटना का दोष अपने ऊपर लेने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने ससून जनरल अस्पताल के दो डॉक्टरों और एक कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया है, जिन पर किशोर के रक्त के नमूनों में हेराफेरी करने का आरोप है, ताकि यह दिखाया जा सके कि दुर्घटना के समय वह नशे में नहीं था।
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