Pune Porsche Case: जेजेबी परिसर में ब्लड सेंपल बदलने के लिए दी गई रिश्वत, पुलिस का दावा

पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अशपक मकंदर, जो किशोर के परिवार और ससून जनरल अस्पताल के शवगृह कर्मचारी अतुल घालकांबले के बीच बिचौलिया था, ने रिश्वत सौंपी।

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Pune Porsche Case: पिछले महीने पुणे में एक 17 वर्षीय लड़के, जिसने कथित तौर पर एक पोर्शे को मोटरसाइकिल से टक्कर मार दी और दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को मार डाला (Two software engineers killed), के रक्त के नमूनों (Blood Samples) को बदलने के लिए रिश्वत किशोर न्याय बोर्ड (Juvenile Justice Board) (जेजेबी) के परिसर में दी गई, जिसने घटना के बाद पूरे देश में आक्रोश फैलने के बाद आरोपी को हिरासत में भेज दिया।

पुणे पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अशपक मकंदर, जो किशोर के परिवार और ससून जनरल अस्पताल के शवगृह कर्मचारी अतुल घालकांबले के बीच बिचौलिया था, ने रिश्वत सौंपी।

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ब्लड सैंपल बदले
घलकंबले को अस्पताल के निलंबित फोरेंसिक विभाग के प्रमुख डॉ. अजय टावरे और पूर्व कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर डॉ. श्रीहरि हल्नोर के साथ नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने के आरोप में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी की मां, जिसे उसके पिता के साथ ही गिरफ्तार किया गया था, ने हाल ही में पुलिस के सामने सबूतों से छेड़छाड़ की बात स्वीकार की और कहा कि उसने उसके पिता के नशे में होने की बात छिपाने के लिए उसके ब्लड सैंपल बदल दिए थे।

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₹3 लाख दिए
एचटी में छपे रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “माता-पिता द्वारा रिश्वत की रकम को मकंदर ने जेजेबी के परिसर में घलकंबले को सौंप दिया था। जांच में पता चला कि घलकंबले को ₹3 लाख दिए गए थे।” अधिकारी ने कहा, “पुलिस ने हलनोर से ₹2.5 लाख और घलकंबले से शेष राशि बरामद की।”

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ब्लड सैंपल का हेराफेरी
पुलिस के अनुसार, किशोर का पहला रक्त नमूना 19 मई को सुबह करीब 11 बजे, घटना के कुछ घंटों बाद, ससून जनरल अस्पताल में लिया गया था। जब पुलिस को रक्त के नमूने में हेराफेरी का संदेह हुआ, तो किशोर का दूसरा नमूना औंध सरकारी अस्पताल में लिया गया। किशोर के पिता का तीसरा रक्त नमूना लिया गया और पहले नमूने के साथ डीएनए मिलान के लिए भेजा गया, जिससे पता चला कि पहले नमूने में हेराफेरी की गई थी और रक्त किसी और का था।

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