पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने 28 जून को पंजाब सरकार की आबकारी नीति पर सवाल उठाते हुए राज्य में शराब के ठेकों के आवंटन पर रोक लगा दी है। हाई कोर्ट ने आबकारी नीति के खिलाफ दायर चार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह फैसला देते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है।
नई पॉलिसी में सरकार ने पंजाब में शराब के ग्रुप 750 से घटाकर 177 कर दिए हैं। अब एक ग्रुप 30 करोड़ का कर दिया गया है। पहले यह 4 करोड़ का था। ऐसे में छोटे कारोबारी रेस से बाहर हो गए हैं। भगवंत मान की सरकार ने पिछले साल 6158 करोड़ के मुकाबले 9647 करोड़ रुपये की कमाई का टारगेट रखा है।
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मोनोपली को बढ़ाा मिलने का डर
पंजाब सरकार की आबकारी नीति के विरोध में दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार शराब कारोबार में मोनोपली को बढ़ावा दे रही है। सरकार की यह नीति एक जुलाई से लागू होनी थी। इससे पहले ही हाई कोर्ट ने ठेके के आवंटन रोक लगा दी है।
याचिका में आरोप
याचिका की पैरवी कर रहे एडवोकेट मोहन जैन के अनुसार नई एक्साइज पॉलिसी में पंजाब एक्साइज एक्ट 1914 और पंजाब लिकर लाइसेंस एक्ट 1956 का उल्लंघन किया गया है। नई नीति से शराब कारोबार में एकाधिकार को बढ़ावा मिलेगा। अराइव सेफ नामक संस्था ने भी एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि नेशनल हाइवे के करीब ठेके देने पर पहले केंद्र की इजाजत ली जाए।