Rahul Gandhi: स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर (Veer Savarkar) की मानहानि करने के आरोप में कांग्रेस नेता (Congress leader) और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition in Lok Sabha) राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के खिलाफ दायर मामले को पुणे में सांसदों और विधायकों के लिए एक विशेष अदालत में वर्गीकृत किया गया है।
पिछले साल अप्रैल में स्वातंत्र्यवीर सावरकर के परपोते सत्यकी सावरकर ने उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ पुणे की एक मजिस्ट्रेट अदालत में मानहानि करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। राहुल गांधी ने यह टिप्पणी 5 मार्च 2023 को लंदन में की थी।
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लंदन भाषण का एक वीडियो
मामले की सुनवाई पुणे में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) अक्षी जैन के समक्ष हो रही थी। सत्यकी सावरकर का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील संग्राम कोल्हटकर ने बताया कि 21 सितंबर को मामला दूसरी अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसे सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए एक विशेष अदालत के रूप में नामित किया गया है।
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सात्यकी सावरकर ने पेश किए प्रमाण
अपनी शिकायत के साथ, सात्यकी सावरकर ने सबूत के तौर पर कुछ समाचार रिपोर्टों के साथ-साथ राहुल गांधी के लंदन भाषण के एक वीडियो का यूट्यूब लिंक भी जमा किया है। सात्यकी के मुताबिक, गांधी ने लंदन में कहा था कि स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर ने एक किताब लिखी थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब एक मुस्लिम को पीटा जा रहा था तो वह और उनके पांच-छह दोस्त खुश हो रहे थे।
कायरतापूर्ण हरकत
इस दौरान राहुल गांधी ने पूछा, ”क्या यह कायरतापूर्ण हरकत नहीं है।” लेकिन वीर सावरकर के बारे में ऐसी किसी किताब नहीं लिखी गई है, जैसा राहुल गांधी दावा कर रहे हैं और न ही ऐसी कोई घटना हुई है। सत्यकी सावरकर ने कहा, इसीलिए मैंने पुणे कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। सात्यकी ने अपनी याचिका में कहा, “राहुल गांधी ने जानबूझकर वीर सावरकर के खिलाफ झूठे आरोप लगाए हैं। सात्यकी का कहना है कि ये आरोप झूठे हैं, उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और सावरकर के नाम को बदनाम करने के विशेष इरादे से उन्होंने यह बयान दिया है।
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अधिकतम सजा की मांग
अपने आपराधिक मानहानि आवेदन में, सात्यकी सावरकर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 के तहत आरोपी के लिए अधिकतम सजा की मांग की है। सात्यकी और दो गवाहों के बयान दर्ज करने के बाद, जनवरी 2024 में जेएमएफसी अदालत ने पुणे शहर पुलिस को सीआरपीसी की धारा 202 के प्रावधानों के तहत शिकायत की जांच करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इसके बाद पुणे की विश्रामबाग पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने 27 मई को जेएमएफसी अक्षी जैन के समक्ष एक जांच रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया कि गांधी ने मार्च 2023 में “लंदन में भारतीय प्रवासियों” को दिए भाषण में वीर सावरकर को बदनाम किया। 30 मई 2024 को मजिस्ट्रेट ने राहुल गांधी को 19 अगस्त को पेश होने के लिए कहा, लेकिन गांधी को सम्मन नहीं मिला और इसलिए वे अदालत में उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद मामले को 4 अक्टूबर को सुनवाई के लिए रखा गया था।
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