हिमाचल प्रदेश में बीते तीन-चार दिनों से मानसून आफत बनकर बरस रहा है। प्रदेश के करीब सभी जिलों में मानसून की व्यापक बारिश हुई है। जनजातीय जिलों लाहौल-स्पीति और किन्नौर में फ्लैश फ्लड की घटनाओं से जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। कांगड़ा, हमीरपुर, सिरमौर और शिमला जिलों में कुछ स्थानों पर रविवार को जमकर बारिश हुई है। लाहौल-स्पीति जिला के ऊंचे इलाकों में रविवार को हल्की बर्फबारी हुई, जिससे मौसम सर्द हो गया है। मौसम विभाग ने राज्य में अगले चार दिन भारी बारिश की आशंका जताई है। विभाग ने आगामी चार अगस्त तक मैदानी व मध्यप्रवतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है।
बीते 24 घंटों के दौरान कांगड़ा जिला के मुख्यालय धर्मशाला में सर्वाधिक 137 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा भराड़ी में 77, बैजनाथ में 68, नैना देवी में 62, कुमारसेन व मशोबरा में 41-41, चूड़ी व कसौली में 36-36, मंडी में 35, पंडोह में 34, पालमपुर व डलहौजी में 32-32 और जोगेंद्रनाथ में 31 मिमी बारिश हुई है।
लगातार बारिश से जगह-जगह भूस्खलन, बाढ़ और सड़कें धंसने से तबाही का दौर जारी है। पर्वतीय क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने घरों से बाहर निकलने पर लोगों को एहतियात बरतने और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा न करने की सलाह दी है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार
-31 जुलाई को राज्य में भारी वर्षा से 10 कच्चे-पक्के मकान, 11 दुकानें और चार पशुशालाएँ क्षतिग्रस्त हुईं।
-कांगड़ा में छह, हमीरपुर में दो, बिलासपुर में एक कच्चे मकान और सिरमौर में एक पक्के मकान को आंशिक नुकसान पहुंचा। सिरमौर जिला में भारी वर्षा से नौ और चम्बा में दो दुकानें क्षतिग्रस्त हुईं। इसके अलावा
भूस्खलन से 44 सड़कें, 100 ट्रांसफार्मर और 7 पेयजल परियोजनाएं बंद रहीं। अकेले मंडी जिला में 95 ट्रांसफार्मर और छह सड़कें बंद हैं। वर्षा जनित हादसों में
-एक व्यक्ति की मौत हुई जबकि 16 चोटिल हैं। शिमला जिला में पहाड़ी से गिरने के कारण एक व्यक्ति मारा गया। वहीं मंडी में छह, ऊना में पांच, चम्बा में चार और सोलन में एक व्यक्ति घायल हुआ।
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