हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। दोनों प्रदेशों में बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की विभिन्न घटनाओं में 22 लोगों की मौत हो गयी है, जबकि 20 लोग लापता हैं। मंडी जिले में सर्वाधिक 10 लोगों की मौत हुई है। हिमाचल में अधिकतर मौतें भूस्खलन की चपेट में आने से हुई हैं।
हिमाचल प्रदेश में 18 लोगों की मौत, 8 लापता
मानसून की सबसे भारी बारिश ने पूरे राज्य में कोहराम मचा दिया। मंडी, चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला जिलों में बारिश से भारी तबाही हुई है। राज्य में एक ही दिन में भूस्खलन, बाढ़ व बादल फटने की 34 घटनाओं में 18 लोगों की जान गई, जबकि आठ लोग लापता हैं। मंडी जिला में सबसे ज्यादा 10 लोगों की मौत हुई है। चंबा में तीन, शिमला में दो, ऊना, कुल्लू व कांगड़ा में एक-एक व्यक्ति की जान गई है। अधिकतर मौतें भूस्खलन की चपेट में आने से हुई हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने लोगों की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
ये भी पढ़ें – वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में दुर्घटना, मुख्यमंत्री ने व्यक्त किया दुख
प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने बताया कि प्रदेश में इस बार 316 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। पिछले 18 सालों में यह सबसे अधिक बारिश है। केवल 2010 और 2018 में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार मूसलाधार बारिश से शनिवार को 742 सड़कें, दो स्टेट हाई-वे और एक नेशनल हाई-वे बंद रहे। मंडी जोन में सबसे ज्यादा 352, शिमला जोन में 206, कांगड़ा जोन में 174 और हमीरपुर जोन में सात सड़कें बाधित हैं। शाहपुर जोन में दो स्टेट हाई-वे और शिमला-कालका नेशनल हाई-वे भी बंद रहा। इसके अलावा दो हजार ट्रांसफार्मर और 172 पेयजल परियोजनाएं भी बाधित हुईं। शनिवार शाम सानू बंगला के पास पहाड़ी दरकने से शिमला-कालका नेशनल हाई-वे भी अवरुद्ध हो गया। यातायात को शोघी-मैहली बाईपास से डाइवर्ट किया गया है। ठियोग-शिमला हाई-वे पर ठियोग में एक कार के दुर्घटनाग्रस्त होने से दो लोगों की मौत हो गई और दो जख्मी हुए हैं।
उत्तराखंड में 4 की मौत, 12 लापता
उत्तराखंड में शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। इनमें अब तक 4 लोगों की मौत और 12 लोगों के लापता होने की खबर है। भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से जहां नदी-नाले, गदेरे उफान पर हैं वहीं बारिश के पानी के अचानक आने से कई इलाकों में लोग फंस गए, जिन्हें राहत एवं बचाव कार्य में जुटीं टीमों ने सुरक्षित निकाल लिया। कुछ की मौत और लापता होने की भी जानकारी मिली है। देहरादून, पौड़ी और टिहरी समेत तीन जनपदों में बदल फटने की घटना हुई हैं। इनमें अब तक 4 लोगों की मौत और 12 लोगों के लापता होने की खबर है, जबकि 12 लोग जख्मी हो गए हैं। इनमें से तीन गंभीर घायलों को एयरलिफ्ट करके अस्पताल लाया गया। भारी बारिश के चलते अभी तक प्रदेश में 34 मकानों के क्षतिग्रस्त होने और 73 पशुओं की मौत की भी खबर है।
मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित इलाकों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की जानकारी लेने के साथ अधिकारियों और बचाव के कार्य में लगी टीमों को आवश्यक निर्देश दिए हैं। जरूरत पड़ने पर सेना की भी मदद लेने की बात कही है।
प्रशासन सतर्क
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि मौसम विभाग की चेतावनी पर प्रदेश भर में एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और पुलिस पहले से पूरी सतर्क थी। सभी जिलों में उनकी टीमें और पुलिस मिलकर राहत एवं बचाव कार्यों में युद्धस्तर पर जुटी हैं। शासन स्तर से सभी जरूरी मदद मिल रही है।