नेटिजंस के निशाने पर राणा अयूब! ट्विटर पर ट्रेंड होने लगा #ArrestRanaAyub, आने लगे ऐसे-ऐसे कमेंट

नेटिजंस तथाकथित पत्रकार राणा अयूब को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। इस कारण अरेस्ट राणा अयूब ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा है। इसके साथ ही वे तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं।

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तथाकथित पत्रकार राणा अयूब को अरेस्ट करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। अकाउंट यूजर्स ट्विटर पर उन्हें गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। इस कारण अरेस्ट राणा अयूब ट्विटर पर ट्रेंड हो रहा है। वे इसके साथ ही राणा अयूब पर को लेकर तरह-तरह के कमेंट भी कर रहे हैं।

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। ईडी का आरोप है कि उसने समाज कल्याण के नाम पर जुटाई गई करोड़ों की राशि का इस्तेमाल अपने और अपने परिवार के लिए किया। इस मामले में उसके पास से 1.77 करोड़ की रकम जब्त की गई है।

लाली गांगुली ने ट्वीट करते हुए लिखा, “राणा अयूब जैसे जिहादियों को तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेज देना चाहिए।”

दीपक गर्ग ने ट्वीट कर कहा, “राणा अयूब ने जिन लोगों से डोनेशन लिए, उनमें से अधिकांश देश से बाहर के हैं। देश से बाहर के लोगों से इस तरह डोनेशन लेना अपराध है। गर्ग ने उसे गिरफ्तार करने की मांग की है।”

https://twitter.com/Indigen_Apsara/status/1435836438403174409?s=20&t=EkVHRBgx3yrj6a1prqJy-A

ऐसे जुटाए 2.69 करोड़ रुपए
एफआईआर के अनुसार राणा अयूब ने ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म पर कुल 2 करोड़ 70 लाख रुपए जमा किए थे। ये रकम उसकी बहन और पिता के बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। इसमें से 72 लाख रुपए उसके व्यक्तिगत खाते में ट्रांसफर किए गए थे। उसकी बहन इफ्फत शेख के अकाउंट में 37 लाख 15 हजार और उसके पिता मोहम्मद अयूब वक्फ के खाते में 1 करोड़ 61 लाख की रकम ट्रांसफर की गई थी। बाद में ये सभी राशि राणा अयूब के खाता में ट्रांसफर कर दी गई थी। लेकिन अयूब ने केवल 31 लाख 16 हजार रुपए का ब्यौरा दिया था। जांच के बाद पता चला कि फंड में से मात्र 17 लाख 66 हजार रुपए खर्च किए गए।

चैरिटी के पैसे का किया गया निजी इस्तेमाल़
एजेंसी ने बताया है कि राणा अयूब ने राहत कार्यों में पैसे खर्च करने के प्रमाण स्वरुप फर्जी बिल बनवाकर जमा किए थे। निजी यात्रा पर किए गए खर्च को राहत कार्य के लिए बताया गया था। एजेंसी का आरोप है कि राणा अयूब ने पूरी प्लानिंग और सोची-समझी रणनीति के तहत चैरिटी के नाम पर फंड जुटाया और उसकी अधिकांश रकम को निजी तौर पर इस्तेमाल किया।

50 लाख एफडी
यही नहीं, एजेंसी का दावा है कि फंड्स के 50 लाख रुपए की एफडी कराई गई। उसे राहत कार्य के लिए नहीं इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही उसने पीएम केयर्स और सीएम रीलिफ फंड में कुल 74 लाख 50 हजार रुपए जमा किए।

-अभियान 1-कोरोना पीड़ितों के लिए राणा अयूब ने 82,55,899 रुपए का फंड जमा किया था। इसमें से उसने लगभग 80 लाख रुपए निकाले थे।

-अभियान 2 ( झुग्गीवासियों और किसानों के मदद के लिएः 71 लाख से ज्यादा की रकम जमा की गई। इसमें से 69 लाख रकम निकाली गई। इसके अलावा 75,600 अमरीकी डालर जमा किए गए तथा 73,332 अमरीकी डालर निकाले गए।
अभियान 3( असम, बिहार और महाराष्ट्र के लिए राहत कार्य)-42 लाख रुपए जमा किए गए, 40 लाक 53 हजार रुपए निकाले गए।

-इसके अलावा 37 हजार अमरीकी डालर जुटाए गए। इसमें से 36 हजार से अधिक की रकम निकाली गई। इस अभियान में राशि राणा अयूब के पिता के बैंक अकाउंट में भी ट्रांसफर की गई।

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