जनहित याचिका लगाकर व्यवसायियों को ब्लैकमेल करने और करोड़ों की वसूली करने के आरोपित रांची उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने 1 अगस्त को बताया कि पेशे से वकील और रांची निवासी राजीव कुमार को 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कोलकाता के एक व्यवसायी के खिलाफ रांची उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की और जनहित याचिका वापस लेने के लिए 10 करोड़ मांग रहे थे। शुरुआती बातचीत में वह घटकर चार करोड़ और अंत में एक करोड़ पर आ गया। कल 50 लाख की पहली किस्त का भुगतान किया गया, जहां उसे रंगे हाथों पकड़ा गया।
यह है आरोप
पुलिस ने बताया कि उसे बड़ा बाजार से 31 जुलाई देर शाम हिरासत में लिया गया था और देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि जनहित याचिकाएं लगाकर राजीव कुमार इसी तरह से व्यवसायियों से वसूली करता था। केंद्रीय एजेंसियों से संबंध होने का डर दिखाकर उसने कई लोगों से पहले भी संभवत: वसूली की है।
संदिग्ध है मामला
खास बात यह है कि ऐसे समय में जब पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी सक्रिय हैं और पार्थ चटर्जी तथा अर्पिता मुखर्जी के घर से करोड़ों रुपये की नगदी बरामद की है। इस बीच राजीव का बंगाल आकर रुपये की वसूली करना और भी संदिग्ध है। पुलिस उससे पूछताछ कर उसके संबंधों के बारे में भी खोजबीन कर रही है।