कर्नाटक (Karnataka) की कांग्रेस सरकार (Congress Government) द्वारा विधानसभा (Assembly) से स्वातंत्र्यवीर सावरकर (Swatantraveer Savarkar) की तस्वीर (Photo) हटाने के फैसले पर राजनीति गरमा गई है। महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के फैसले पर कहा कि यह फैसला बेहद निंदनीय है और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का अपमान है।
कर्नाटकातील काँग्रेस सरकारनं विधानसभा सभागृहातून स्वातंत्र्यवीर सावरकर यांची प्रतिमा काढून टाकण्याचा निर्णय घेतला. हा निर्णय अत्यंत निंदनीय आणि भारतीय स्वातंत्र्य चळवळीचा अपमान करणारा आहे.
स्वातंत्र्यवीर सावरकरांनी भारतमातेच्या स्वातंत्र्यासाठी भोगलेल्या यातना, त्यांचे बलिदान… pic.twitter.com/HAf4TMSC44
— Chandrashekhar Bawankule (@cbawankule) December 9, 2024
वीर सावरकर के पाठ को पाठ्यक्रम से हटाकर कांग्रेस चाहे जितना भी सावरकर के महत्व को छिपाने की कोशिश करे, लेकिन यह मामला समाज के सामने आना ही है। यह पूरी तरह से राजनीतिक खेल चल रहा है। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार यह भूल गई है कि वीर सावरकर को खुद इंदिरा गांधी ने सम्मानित किया था। सिर्फ भाजपा का विरोध करने के लिए वीर सावरकर का विरोध करना हास्यास्पद और उतना ही निंदनीय है, स्वातंत्र्यवीर सावरकर के पोते और स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सावरकर (Ranjit Savarkar) ने कर्नाटक सरकार की आलोचना की।
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रणजीत सावरकर ने आगे कहा, कांग्रेस हमेशा से ही प्रचार के लिए वीर सावरकर का इस्तेमाल करती रही है। जब भी कांग्रेस राजनीतिक रूप से अस्थिर महसूस करती है, कांग्रेस नेता राहुल गांधी वीर सावरकर पर निराधार आरोप लगाकर चर्चा में आ जाते हैं। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार अपने पैर पीछे खींच रही है।
बता दें कि कर्नाटक में जब 2022 में भाजपा सत्ता में थी, तब विधानसभा में स्वातंत्र्यवीर सावरकर की फोटो लगाई गई थी, अब कांग्रेस सरकार ने फोटो हटाने का फैसला किया है। इस पर बोलते हुए रणजीत सावरकर ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस तरह से वीर सावरकर का अपमान करने की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी रणजीत सावरकर ने पूछा, स्वतंत्रता आंदोलन में नेहरू का क्या योगदान था?।
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