प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) के अधिकारियों ने 6 दिसंबर को ज्योतिप्रिय मल्लिक के अकाउंटेंट जय शंकर(Jyotipriya Mallik’s accountant Jai Shankar) को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया। पश्चिम बंगाल के मंत्री (West Bengal Minister) को पहले करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले(Ration distribution scam worth crores of rupees) में गिरफ्तार किया गया था।
सूत्रों ने कहा कि मामले की जांच से पता चला है कि राशन वितरण मामले की आय को कई शेल फर्मों के माध्यम से डायवर्ट किया गया था। मल्लिक की पत्नी और बेटी, साथ ही उनके करीबी विश्वासपात्र इन फर्जी कंपनियों में निदेशक थे। केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को इन फर्जी कंपनियों के बैंक खातों(Multiple transactions in bank accounts of fake companies) में कई लेनदेन भी मिले हैं, जहां जमा होने के कुछ ही मिनट बाद भारी मात्रा में रकम डेबिट (निकाली) की गई थी।
अकाउंटैंट देगा अतिरिक्त जानकारी
सूत्रों ने कहा कि ईडी के अधिकारियों का मानना है कि मल्लिक के बैंक खाते उन्हें मामले में अतिरिक्त जानकारी प्रदान कर सकते हैं और इसलिए उनसे पूछताछ जरूरी हो गई है। अकाउंटेंट के बैंक खाते ईडी की जांच के दायरे में हैं। इस बीच, ईडी के अधिकारियों ने बुधवार को राशन वितरण मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किए गए पहले कोलकाता स्थित व्यवसायी बकीबुर रहमान को कोलकाता की एक विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया।
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रहमान की बढ़ी न्यायिक हिरासत
विशेष अदालत ने रहमान की न्यायिक हिरासत 13 दिसंबर तक बढ़ा दी क्योंकि उनकी पहचान मंत्री के प्रमुख सहयोगी के रूप में की गई है। उन पर फर्जी किसान सहकारी समितियां(fake farmer cooperative societies) खोलकर किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम कीमत पर धान खरीदने और फिर उसी धान को खुले बाजार में एमएसपी से ऊपर कीमत पर बेचने का भी आरोप लगाया गया था।