RBI Imposed Fines on Banks: RBI ने महाराष्ट्र के 4 बैंकों पर की कार्रवाई, जानें क्या है मामला

भारतीय रिजर्व बैंक ने 5 बैंकों पर जुर्माना लगाया है। इन बैंकों ने आरबीआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया था।

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भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने पांच सहकारी बैंकों (Cooperative Banks) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उन पर वित्तीय जुर्माना (Financial Penalty) लगाया है। इसमें महाराष्ट्र (Maharashtra) के चार सहकारी बैंक शामिल हैं। आरबी ने बैंकिंग नियमों का पालन न करने पर दंडात्मक कार्रवाई (Punitive Action) की है। महाराष्ट्र मुस्लिम सहकारी बैंक लिमिटेड इस बैंक पर सबसे ज्यादा तीन लाख का जुर्माना लगाया गया है।

इसके अलावा सिंधुदुर्ग डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोल्हापुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, कोयना को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, महाराष्ट्र बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है। ओडिशा के नबापल्ली गवर्नमेंट बैंक लिमिटेड पर भी जुर्माना लगाया गया है। देश के पांच सहकारी बैंकों पर आरबीआई ने दस लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है।

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महाराष्ट्र में सहकारी बैंक पर अधिकतम तीन लाख का जुर्माना
जमा खातों के लिए जारी निर्देशों का पालन नहीं करने पर आरबीआई ने मुस्लिम सहकारी बैंक पर जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने मुस्लिम को-ऑपरेटिव बैंक पर 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। मुस्लिम सहकारी बैंक उन खातों की वार्षिक समीक्षा करने में विफल रहा जहां एक वर्ष से अधिक समय से कोई विनिमय नहीं किया गया था। न्यूनतम शेष न रखने और ग्राहकों को सूचित करने में विफल रहने पर जुर्माना लगाया गया। आरबीआई की जांच में बचत खातों में औसत न्यूनतम शेष बनाए रखने में कमियां सामने आईं।

गलत तरीके से स्वीकृत ऋण
आरसीबी की जांच में पता चला कि सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम की धारा 20 का उल्लंघन किया है। इसलिए आरबीआई ने उस बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने पाया कि सिंधुदुर्ग जिला केंद्रीय सहकारी बैंक ने अपने निदेशकों को गलत तरीके से ऋण स्वीकृत किया। सामने आया है कि बैंक ने इन आरोपों को स्वीकार कर लिया है।

नियमों का पालन न करना
रिजर्व बैंक ने कोल्हापुर अर्बन को ऑपरेटिव बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आरबीआई ने पाया कि कोल्हापुर शहरी सहकारी बैंक ने अपने निदेशकों, उनके रिश्तेदारों और फर्मों या संबंधित पक्षों को ब्याज सहित ऋण और अग्रिम के संबंध में जारी निर्देशों का पालन नहीं किया है, इसलिए जुर्माना लगाया गया है।

कोयना सहकारी बैंक के खिलाफ कार्रवाई क्यों?
आरबीआई ने 31 मार्च 2023 तक कोयना सहकारी बैंक की वित्तीय स्थिति की जांच की। कोयना सहकारी बैंक में गैर-सक्रिय ऋण खातों से लेनदेन किया गया था। बैंक आवश्यक आय पहचान, परिसंपत्ति वर्गीकरण और प्रावधान मानदंडों के अनुसार कुछ ऋण खातों को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों के रूप में वर्गीकृत करने में विफल रहा। इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक ने कोयना को-ऑपरेटिव बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

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