रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने त्योहार से पहले लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। आरबीआई ने लगातार चौथी बार नीतिगत दर रेपो रेट (repo rate) को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिवसीय बैठक के बाद इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। रिजर्व बैंक के इस फैसले से खासकर होम लोन लेने वालों को बड़ी राहत मिलेगी। उन पर लोन की ईएमआई का अतिरिक्त बोझ फिलहान नहीं बढ़ेंगा।
जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान
शक्तिकांत दास ने 06 अक्टूबर को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि एमपीसी ने मुख्य नीतिगत दर रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है। जीडीपी के अनुमान में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष 2024 -25 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.6 फीसदी अनुमानित है।
2022 से फरवरी 2023 के बीच छह बार बढ़ा रेपो रेट
उल्लेखनीय है कि आरबीआई ने मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच नीतिगत दर रेपो रेट में लगातार 6 बार इजाफा किया था। रिजर्व बैंक ने मई 2022 में इसे 4 फीसदी से बढ़ाकर 4.90 फीसदी किया था, अब यह 6.50 फीसदी पर है। आखिरी बार फरवरी 2023 में इसे 6.25 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी पर किया गया था। इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल, जून और अगस्त में हुई एमपीसी बैठक में भी ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला लिया था।
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