बॉम्बे उच्च न्यायालय ने 2 दिसंबर को वसूली मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की जमानत याचिका पर सुनवाई 6 दिसंबर तक के लिए टाल दी। इससे पहले हाईकोर्ट ने 29 नवंबर को इस मामले की सुनवाई 2 दिसंबर तक के लिए टाल दी थी। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हाईकोर्ट में अनिल देशमुख की जमानत का जोरदार विरोध किया है।
दरअसल, पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये प्रतिमाह रंगदारी वसूली का लक्ष्य दिए जाने का आरोप लगाया था। इसी मामले में सीबीआई के निर्देश पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉड्रिंग एंगल से छानबीन के लिए नवंबर, 2021 में देशमुख को गिरफ्तार किया था, तबसे वह न्यायिक हिरासत में है। हालांकि, ईडी के मामले में अनिल देशमुख को जमानत मिल गई है, लेकिन सीबीआई की ओर से दर्ज मामले में मुंबई की विशेष कोर्ट ने जमानत नामंजूर कर दी थी।
इस तरह चली पिछली सुनवाई
पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के वकील ने उच्च न्यायालय में बीमारी के आधार पर जमानत देने के लिए याचिका दाखिल की है। इस मामले में सीबीआई के वकील ने हाईकोर्ट को बताया कि गवाहों के बयानों से स्पष्ट है कि अनिल देशमुख इस पूरे मामले में मुख्य साजिशकर्ता हैं। उन पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। ऐसे में अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह मामले और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। साथ ही सीबीआई के वकील ने कहा कि अनिल देशमुख को चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं, इसलिए उन्हें चिकित्सा आधार पर भी जमानत नहीं दी जानी चाहिए। सीबीआई की जांच अभी प्रारंभिक चरण में है, इसलिए इस स्तर पर अनिल देशमुख को जमानत देना सही नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई छह दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।