Money laundering case: दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ईडी की चार्जशीट पर ट्रायल कोर्ट के संज्ञान लेने से इनकार करने पर ईडी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनोज कुमार ओहरी की बेंच ने ईडी को निर्देश दिया कि वो ट्रायल कोर्ट के आदेश की प्रति दाखिल करें। मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी 2025 को होगी।
ईडी ने दी है रिहाई के आदेश को चुनौती
ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान एजेंसी से यह नहीं पूछा था कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए अनुमति लेना जरूरी है या नहीं। दरअसल, 14 नवंबर को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ईडी की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने अमानतुल्लाह खान को एक लाख रुपये के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया था। ईडी ने इसी फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है।
ईडी का सबूत होने का दावा
राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कहा कि अमानतुल्लाह खान के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं, लेकिन आरोपित के खिलाफ अभियोजन चलाने के लिए अनुमति नहीं ली गई है। ऐसे में ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता है। कोर्ट ने पूरक चार्जशीट की दूसरी आरोपित मरियम सिद्दीकी को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि मरियम सिद्दीकी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है।
2 सितंबर को किया गया था गिरफ्तार
ईडी ने 2 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था। ईडी के मुताबिक दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपित हैं। इस मामले में चार लोग पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी के मुताबिक अमानतुल्लाह खान ने आपराधिक गतिविधियों से काफी संपत्ति अर्जित की और अपने सहयोगियों के नाम पर अचल संपत्ति खरीदी है। ईडी के मुताबिक छापे के दौरान कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य ऐसे मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि वो मनी लांड्रिंग में लिप्त हैं।