जोधपुर में लोगों को झांसे में लेकर उनकी आईडी लेकर बैंकों में फर्जी तरीके से रुपये डलवाने वाला शातिर एक बार फिर पुलिस के हत्थे चढ़ा है। यह शातिर पहले भी कमिश्नरेट पुलिस के हत्थे चढ़ा था, बाद में उसे चड़ीगढ़ पुलिस को सौंपा गया था। जेल से जमानत पर रिहा होकर फिर से फ्रॉड के काम में लग गया। जोधपुर की डीएसटी पूर्व पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए फिर से उसे पकड़ा है और उदयमंदिर पुलिस के सुपुर्द किया है। पूछताछ और जांच में सामने आया कि फ्रॉड करने वालों का कनेक्शन दुबई से है। फिलहाल तकरीबन दो से ढाई करोड़ का ठगी का खुलासा हुआ है।
शातिर जाटों का बॉस बनाड़ निवासी अशोक डांगी गिरफ्तार
पुलिस ने शातिर जाटों का बॉस बनाड़ निवासी अशोक डांगी को फिर से गिरफ्तार किया है। कमिश्नरेट पुलिस की डीएसटी ने छह सात महिने पहले उसे डांगियवास क्षेत्र से पकड़ा था। बाद में उसे चण्डीगढ़ पुलिस के हवाले कर दिया था। वह जेल में रहा और फिर जमानत पर रिहा हो गया। पुलिस को पता लगा कि वह फिर से फ्रॉड करने लगा है तो उसे पकड़ा गया। फ्रॉड करने वाला अशोक डांगी स्थानीय लोगों को जिनमें बड़े प्रोजक्टों को अपना निशाना बनाता है। लोगों की आईडी लेकर उन्हें कंपनियों के मार्फत कमीशन दिलाता है। जबकि वास्तव में आम आदमी की आईडी का पूरा डाटा दुबई भेज दिया जाता है। खातों में लाखों करोड़ों का ट्रांजेक्शन होता रहता है और लोगों को पता नहीं चल पाया कि उनकी आईडी का क्या यूज हो रहा है। बड़े घोटलेबाज जीएसटी चोरी का फायदा उठाते है। फर्मों को करंट एकांउट पर छूट दी जाती है। जिसका फायदा फ्रॉड करने वाले उठाते है।
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करंट अकाउंट में फ्रॉड करने पर अधिक कमीशन
जिस फर्म का करंट एकाउंट होता है, उसे फ्रॉड करने पर अच्छा कमीशन देते है, सेविंग एकाउंट वालों को कम कमीशन दिया जाता है। अशोक डांगी भी ऐसे ही फ्रॉड करने वालों के साथ जुड़ा है। डीएसटी पूर्व ने उसे एक बार फिर से गिरफ्तार कर उदयमंदिर पुलिस के सुपुर्द किया है। उसके खिलाफ डीएसटी प्रभारी कन्हैयालाल की तरफ से केस दर्ज करवाया गया है।