Reliance Industries: एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने बड़ी संख्या में नौकरियों में कटौती (job cuts) की है, रिलायंस ने 42,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। रिलायंस ग्रुप की गिनती देश की सबसे बड़ी कंपनियों में होती है। वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज को 15,138 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है।
उनकी कंपनी 21 लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है। इस प्रदर्शन के बावजूद, रिलायंस ने वित्तीय वर्ष 2023-24 (FY24) में कर्मचारियों की संख्या में 42,000 की कमी की है। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में मैनपावर में बड़ी कटौती की है, इसका सबसे बड़ा असर रिलायंस के रिटेल सेक्टर पर देखने को मिला है।
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नौकरियां क्यों हुईं कम?
वित्तीय वर्ष 2022-23 में रिलायंस में कर्मचारियों की संख्या 389,000 थी, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में घटकर 347,000 हो गई। यानी करीब 42 हजार कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, नई नियुक्तियों में भी गिरावट आई है। इस साल, रिलायंस ने नई नियुक्तियों में एक तिहाई से अधिक की कटौती की है और इसे 170,000 तक सीमित कर दिया है। एक ब्रोकिंग फर्म एक्सपर्ट ने कहा है कि रिलायंस में नौकरी के नए मौके मिलेंगे। कंपनी लगातार नए बिजनेस को सपोर्ट कर रही है. कंपनी लागत प्रबंधन और कंपनी दक्षता को अच्छी तरह से बनाए रख रही है। तो नौकरी के नए अवसर मिलेंगे।
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संबंधित व्यवसाय पर प्रभाव
सबसे ज्यादा असर रिलायंस के रिलेट्स बिजनेस पर पड़ा है. पिछले वित्तीय वर्ष में, रिलायंस रिटेल का कार्यबल का लगभग 60% हिस्सा था। FY23 में 245,000 की तुलना में FY24 में कर्मचारियों की संख्या 207,000 थी। जहां तक रिलायंस का सवाल है, वित्त वर्ष 2023 में इसकी कर्मचारियों की संख्या 95,000 से घटकर वित्त वर्ष 24 में 90,000 हो गई। कर्मचारियों की नौकरियों में कटौती के बावजूद कंपनी का कार्मिक खर्च 3% बढ़कर 25,699 करोड़ रुपये हो गया।
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