समीर वानखेड़े को राहत! मुंबई उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी पर रोक बढ़ाई

वसूली मामले में मुंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई एनसीबी के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम सुरक्षा 5 जुलाई तक बढ़ा दी है।

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नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने 5 जुलाई तक जमानत दे दी है। साथ ही सीबीआई (CBI) केस को रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई भी टाल दी गई है। वानखेड़े के वकील रिजवान मर्चेंट (Advocate Rizwan Merchant) ने यह जानकारी दी है।

एडवोकेट मर्चेंट के अनुसार, आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े ने भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के आरोप में सीबीआई द्वारा दर्ज मामले को रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। इस याचिका पर सुनवाई भी उच्च न्यायालय ने स्थगित कर दी है। तब तक समीर वानखेड़े को गिरफ्तारी से रिहा कर दिया गया।

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समीर वानखेड़े राजस्व अधिकारी
वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई की ओर से केस दर्ज करते समय और उनसे पूछताछ के लिए गृह विभाग की मंजूरी भी ली गई थी। हालाँकि, चूंकि वानखेड़े एक आईआरएस अधिकारी हैं, इसलिए वह वित्त विभाग के अंतर्गत आते हैं, न कि गृह विभाग के, समीर वानखेड़े एक राजस्व अधिकारी हैं, पुलिस अधिकारी नहीं।

साल 2020 में उन्हें अल्प अवधि के लिए एनसीबी में नियुक्त किया गया था। लेकिन उनका वेतन भुगतान वित्त विभाग द्वारा किया जाता था। साथ ही उनके स्थानांतरण संबंधी सभी अधिकार भी वित्त विभाग के पास हैं। यह वाक्य वकील रिजवान मर्चेंट ने कहा।

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