ठाणे में मुंब्रा विधानसभा से एनसीपी के विधायक पर 13 नवंबर की रात लगभग साढ़े बारह बजे दरम्यान एक महिला के द्वारा छेड़खानी किये जाने की शिकायत दर्ज करने के बाद ठाणे के न्यायालय ने राकांपा नेता जितेन्द्र आह्वाड को थोड़ी राहत देते हुए , 15 नवंबर को जमानत पर सुनवाई के पूर्व गिरफ्तारी पर रोक लगाई है। आह्वाड पर महिला से छेड़खानी का मामला पुलिस स्टेशन में दर्ज किये जाने के बाद उनके समर्थकों के द्वारा मुंब्रा कौसा में यातायात ठप किया गया ,जगह जगह दुकानें भी बंद कराई गईं ,वाहनों के टायर जलाये गए और आटोरिक्शा भी रोके गए ,जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
14 नवंबर को महाराष्ट्र के राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील ने ठाणे में आह्वाड के निवास स्थान नाद बंगले पर आव्हाड के समर्थन में पत्रकार सम्मलेन का आयोजन किया था। इस मौके पर जयंत पाटील ने बताया था कि छेड़खानी के आरोप के विरुद्ध आव्हाड ने विधान सभा अध्यक्ष के नाम पर विधायक पद से त्यागपत्र देने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं त्यागपत्र देने का समर्थन नहीं करते हैं। लेकिन फिर भी वे यह निर्णय एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार पर छोड़ रहे हैं।
अजीत पवार ने भी की मुलाकात
राकांपा अध्यक्ष जयंत पाटील द्वारा ठाणे में आह्वाड के समर्थन में उतरने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी शाम पांच बजे आह्वाड के निवास स्थान पर पत्रकारों को संबोधित किया। विधान सभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने भी दोहराया कि वे आह्वाड द्वारा विधायक पद से त्यागपत्र देने की भूमिका का समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में लगभग साढ़े सत्रह वर्ष गृह विभाग एनसीपी के अधीन था , फिर भी विरोधी नेताओं के खिलाफ बदले की कार्यवाही नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में हैं।