राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) में सोमवार (3 फरवरी) को धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) रोकने के लिए विधेयक पेश (Bill Introduced) किया गया। इस विधेयक को चर्चा के बाद पारित किया जाएगा। नए कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति किसी का धर्म परिवर्तन कराने के लिए शादी करता है तो उसे लव जिहाद (Love Jihad) माना जाएगा। इस मामले में तीन से दस साल तक की सजा हो सकती है।
फैमिली कोर्ट (Family Court) भी इस निकाह को करने वाले किसी भी व्यक्ति की शादी को रद्द कर सकता है। यह अपराध गैर-जमानती होगा। इस विधेयक के अनुसार, जो भी व्यक्ति दूसरा धर्म अपनाना चाहता है, उसे 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देनी होगी। अगर किसी व्यक्ति को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया गया है तो उसे 5 लाख तक का मुआवजा देना होगा।
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उल्लेखनीय है कि वसुंधरा राजे सरकार के दौरान वर्ष 2008 में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पेश किया गया था, लेकिन यह विवादों में घिर गया। इसके बाद राज्यपाल ने इस विधेयक को रोक दिया। केंद्र सरकार ने इसके कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई, जिसके चलते यह विधेयक केंद्र और राज्य के बीच अटका रहा। पिछले साल अशोक गहलोत सरकार ने इस विधेयक को केंद्र से वापस ले लिया। अब वर्तमान सरकार राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 लेकर आई है।
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