किसानों की ‘कीलेबंदी’ पर क्या कहा पुलिस ने?

कहा जा रहा है कि पुलिस अब कीलों को निकाल रही है, लेकिन पुलिस ने इस खबर को गलत बताया है।

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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर बॉर्डर पर पिछले दिनों किसानों को कंट्रोल करने के लिए कीलें लगाई गई थीं। फिलहाल उन कीलों को निकालने का एक वीडियो वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि पुलिस अब कीलों को निकाल रही है, लेकिन पुलिस ने इस खबर को गलत बताया है। दिल्ली पुलिस ने स्पष्टीकरण दिया है कि कीलों को निकाला नहीं, बल्कि उन्हें ठीक से लगाया जा रहा है। पुलिस के मुताबिक स्थिति पहले जैसी ही हैं और पुलिस ने अपनी रणनीति में कोई बदलाव नहीं किया है। इन कीलों को लेकर दिल्ली से गली तक चर्चा चरम पर है।

वीडियो वायरल
बता दें कि, 3 फरवरी को एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें कील हटाते देखा जा सकता है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस बीच पुलिस ने इस बारे में सफाई दी है। उसने कीलों की रिपोजिशनिंग करने की बात कही है और इस खबर को बेबुनियाद बताया है कि बॉर्डर पर लगी कीलों को हटाया जा रहा है।

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किसानों को रोकने के लिए बढ़ाई गई सुरक्षा
26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। इसी रणनीति के तहत गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए कीलें लगाई गई हैं। गाजीपुर बॉर्डर के चारों तरफ सीमेंट के बैरिकेड बनाए गए हैं। साथ ही सड़कों पर कीलें लगा दी गई हैं। इसके अलावा तारों से भी बॉर्डर को घेर दिया गया है, ताकि कोई सीमा पार करके दिल्ली में न आ सके। बता दें कि किसान पिछले 71 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरकार ने दिया था प्रस्ताव
22 जनवरी को किसानों के साथ 11वें दौर की वार्ता के दौरान सरकार ने नए कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित करने के साथ ही इस पर चर्चा के लिए एक संयुक्त समिति गठित करने का भी प्रस्ताव रखा था।

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अमेरिका ने किया कृषि कानूनों का समर्थन
इस बीच अमेरिका ने भारत के कृषि कानूनों का समर्थन किया है। उसने कहा है कि वह ऐसे किसी कदमों का समर्थन नहीं करता, जो भारतीय बाजारों की निपुणता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र के अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका यह मानता है कि शांतिपूर्ण विरोध किसी भी संपन्न लोकतंत्र की पहचान है। मतभेदों को बातचीत से हल किया जाना चाहिए।

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