कोटपूतली (Kotputli) के किरतपुरा के बड़ियाली की ढाणी में 700 फीट गहरे बोरवेल (Borewell) में गिरी तीन वर्षीय चेतना (Chetna) को 9 दिन बीतने के बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। चेतना 23 दिसंबर को खेलते समय बोरवेल में गिरकर 150 फीट की गहराई में फंस गई थी। रेस्क्यू टीम ने देसी जुगाड़ से उसे 30 फीट तक ऊपर खींचने में सफलता पाई, लेकिन अब तक बच्ची को बचाने का प्रयास अधूरा है।
रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) के दौरान एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कड़ाके की सर्दी और न्यूनतम 7-8 डिग्री तापमान के बीच काम करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। रात के समय ठंड और अधिक बढ़ जाने से ऑपरेशन और मुश्किल हो जाता है।
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अधिकारी नहीं दे रहे स्पष्ट जानकारी
सोमवार देर शाम एसडीआरएफ के कमांडेंट राजीव सिसोदिया ने रेस्पिरेशन जांच के लिए बोरवेल में उतरकर दीवार के दूसरी ओर जीवन के संकेतों का पता लगाने का प्रयास किया। इस तकनीक के जरिए किसी जीवित व्यक्ति की सांसों से निकली कार्बन गैस का पता लगाया जाता है। हालांकि, चेतना की स्थिति को लेकर कोई अधिकारी स्पष्ट जानकारी नहीं दे रहे हैं। 24 दिसंबर की शाम से बच्ची में कोई हलचल नहीं देखी गई है। कैमरों की मदद से भी बच्ची की स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
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