RG kar case: सीबीआई की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी, जानिये शपथ पत्र में है क्या

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RG kar case: आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज(R.G. Kar Medical College) में महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के मामले(Female doctor’s rape and murder case) में सीबीआई (CBI) इस महीने कोलकाता की विशेष अदालत(Special court of Kolkata) में सप्लीमेंट्री चार्जशीट(Supplementary chargesheet) दाखिल करने जा रही है।

सूत्रों के मुताबिक, इस चार्जशीट में अपराध के पीछे के बड़े मकसद को उजागर किया जाएगा। इसके साथ ही शुरुआती जांच के दौरान कोलकाता पुलिस द्वारा सबूतों के साथ की गई छेड़छाड़ और गड़बड़ियों का भी ब्योरा होगा।

मौजूद पुलिसकर्मियों के बयान पर ज्यादा निर्भर
सूत्रों का कहना है कि अपराध के बड़े मकसद को साबित करने के लिए सीबीआई अधिकारी उस रात ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों के बयान पर ज्यादा निर्भर हैं। ये पुलिसकर्मी अगस्त 2024 में वारदात के समय टाला पुलिस थाने और आरजी कर मेडिकल कॉलेज पुलिस आउटपोस्ट पर तैनात थे। खासकर, नौ अगस्त की सुबह जब महिला डॉक्टर का शव सेमिनार हॉल में मिला था, उस वक्त उनके उच्चाधिकारियों से मिले निर्देशों की जानकारी अहम मानी जा रही है।

11 पुलिसकर्मियों के बयान
सीबीआई ने इस हफ्ते के दौरान टाला थाना और आर.जी. कर आउटपोस्ट पर तैनात 11 पुलिसकर्मियों को पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों के अनुसार, इन 11 पुलिसकर्मियों के बयान सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अपराध के बड़े मकसद को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

जांच अधिकारी इन पुलिसकर्मियों से यह भी पूछेंगे कि घटना की रात या शव मिलने के बाद उन्हें कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आई थी या नहीं। इसके अलावा पुलिस थाना और अस्पताल परिसर में किसी बाहरी व्यक्ति की संदिग्ध हलचल की भी जांच की जा रही है।

इस मामले की अगली सुनवाई 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में होनी है। उससे पहले सीबीआई विशेष अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने की कोशिश में जुटी है।

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न्याय का भरोसा
इधर, बीते हफ्ते पीड़िता के माता-पिता दिल्ली पहुंचे थे, जहां उन्होंने सीबीआई निदेशक प्रवीन सूद से मुलाकात कर जांच की प्रगति पर बातचीत की। पीड़िता के माता-पिता ने मीडिया से कहा कि सीबीआई निदेशक ने उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया है और धैर्य बनाए रखने की सलाह दी है।

डिफॉल्ट बेल पर बरी
गौरतलब है कि इससे पहले सीबीआई ने आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और टाला थाने के पूर्व थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया था। हालांकि, समय पर सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल न होने की वजह से दोनों को डिफॉल्ट बेल मिल गई थी।

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