Bank scam: न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक द्वारा दादर पुलिस स्टेशन में 122 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया गया है। बैंक के महाप्रबंधक एवं लेखा प्रमुख हितेश मेहता पर अपने पद का दुरुपयोग करने तथा बैंक के खजाने से बड़ी मात्रा में धनराशि हड़पने का आरोप है।
कई धाराओं के तहत मामला दर्ज
बैंक (न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक) के कार्यवाहक सीईओ देवर्षि शिशिर कुमार घोष (48) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, हितेश मेहता और उनके सहयोगियों ने बैंक के विश्वास को तोड़कर और प्रभादेवी और गोरेगांव शाखाओं में बैंक की तिजोरियों से धन का गबन करके वित्तीय अपराध करने की साजिश रची। इस मामले में भारतीय दंड संहिता, 2023 की धारा 316(5), 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह पहला मामला 12 फरवरी, 2025 को दायर किया गया था। दूसरा मामला 15 फरवरी 2025 को दर्ज किया गया।
दो प्रमुख शाखाओं में घोटाला
आरोपी हितेश मेहता ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने की एक आपराधिक योजना बनाई और बैंक तिजोरी में सुरक्षित रखने के लिए उसे सौंपी गई 122 करोड़ रुपये की रकम का दुरुपयोग किया। यह धोखाधड़ी दो प्रमुख शाखाओं, प्रभादेवी और गोरेगांव में हुई। अब यह मामला आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया गया है। मामले में बड़े पैमाने पर वित्तीय निहितार्थ को ध्यान में रखते हुए, मुंबई आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जांच शुरू कर दी है।अधिकारी अब इस धोखाधड़ी की गहराई से जांच कर रहे हैं। धन के लेन देन पर नजर रख रहे हैं तथा घोटाले में शामिल अन्य संभावित अपराधियों की पहचान कर रहे हैं।
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छापेमारी की कार्रवाई
इस गबन मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने छापेमारी की है। आर्थिक अपराध शाखा ने दहिसर में बैंक (न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक) के महाप्रबंधक हितेन मेहता के घर पर छापा मारा। आर्थिक अपराध शाखा ने दहिसर स्थित आर्यव्रत सोसायटी में स्टिंग ऑपरेशन शुरू किया। आर्थिक अपराध शाखा द्वारा छापेमारी के बाद हितेश मेहता को हिरासत में ले लिया गया है। मुंबई पुलिस आयुक्तालय के आर्थिक अपराध शाखा कार्यालय में उनकी जांच शुरू हो गई है। हितेश मेहता कोरोना काल से ही बैंक से पैसे निकाल रहा था। रिजर्व बैंक की जांच में पता चला कि प्रभादेवी स्थित बैंक की तिजोरी से 112 करोड़ रुपये और गोरेगांव शाखा की तिजोरी से 10 करोड़ रुपये गायब हैं।