यूक्रेन युद्ध रोकने सऊदी अरब में हुई बैठक को रूस ने बताया महत्वहीन, ये है वजह

रूस के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि लेकिन रूस की भागीदारी के बिना और इसके हितों को ध्यान में रखे बगैर इस बैठक का कोई महत्व नहीं है। बयान में विदेश मंत्रालय ने अपने पिछले आश्वासनों को दोहराया कि रूस अपनी शर्तों पर एक राजनयिक समाधान के लिए तैयार है। बयान के अनुसार, रूस युद्ध समाप्त करने के गंभीर प्रस्तावों पर अपना जवाब देने के लिए तैयार है।

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यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध का शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए सऊदी अरब में अंतरराष्ट्रीय नेताओं की सोमवार को हुई बैठक की रूसी विदेश मंत्रालय ने आलोचना की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस बातचीत का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि रूस को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया था ।

इस युद्ध को रोकने के लिए दुनियाभर के 40 देशों के वरिष्ठ अधिकारी सऊदी अरब के जेद्दा में रविवार को दो-दिवसीय बैठक के लिए जुटे थे। इस बैठक का मकसद यूक्रेन में पिछले 17 महीने से जारी लड़ाई को समाप्त करने के प्रमुख सिद्धांतों पर आम सहमति बनाना था।

रूस के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि लेकिन रूस की भागीदारी के बिना और इसके हितों को ध्यान में रखे बगैर इस बैठक का कोई महत्व नहीं है। बयान में विदेश मंत्रालय ने अपने पिछले आश्वासनों को दोहराया कि रूस अपनी शर्तों पर एक राजनयिक समाधान के लिए तैयार है। बयान के अनुसार, रूस युद्ध समाप्त करने के गंभीर प्रस्तावों पर अपना जवाब देने के लिए तैयार है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर ज़ेलेंस्की के सलाहकार एम पोडोल्याक ने रूस की पिछली मांगों को मानने से इनकार कर दिया, क्योंकि इससे रूस को यूक्रेन के उन इलाकों में अपनी स्थिति मजबूत करने का समय मिल जाएगा, जिन पर उसने (रूस) कब्जा कर लिया है। ट्विटर जिसे अब सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोडोल्याक ने लिखा, रूसी सेना को कब्जे वाले क्षेत्रों से पूरी तरह से हटना होगा और इस पर उनका देश किसी प्रकार का समझौता नहीं करेगा।

इस बीच, यूक्रेन सिक्योरिटी सर्विस ने सोमवार को रूस की एक जासूस को पकड़ने की घोषणा की, जो राष्ट्रपति जेलेंस्की की पिछले महीने हुई दक्षिण माइकोलाइव की यात्रा के बारे में जानकारी जुटा रही थी। इसने दावा किया कि जेलेंस्की की यात्रा के दौरान हवाई हमला करने के लिए यह महिला आंकड़े जुटा रही थी । यूक्रेन पर फरवरी 2022 में रूस के पूर्ण आक्रमण के बाद, जब रूसी सेना के कीव के आसपास पहुंचने के बावजूद जेलेंस्की ने देश छोड़ने से इनकार कर दिया था, उसके बाद से वह (जेलेंस्की) क्रेमलिन के निशाने पर हैं ।

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