Russia-Ukraine war: विदेश मंत्रालय (foreign Ministry) (एमईए) ने 8 मार्च (शुक्रवार) को कहा कि यूक्रेन में चल रहे युद्ध में कई भारतीय नागरिकों (Indian citizens) को रूसी सेना में काम करने के लिए धोखा दिया गया है और झूठे बहाने बनाकर उन्हें भर्ती करने वाले एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता (Foreign Ministry spokesperson) रणधीर जयसवाल (Randhir Jaiswal) ने कहा कि ऐसे भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई के लिए रूसी अधिकारियों के समक्ष मामला जोरदार ढंग से उठाया गया है।
जायसवाल ने एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) ने कल कई शहरों में तलाशी लेते हुए और आपत्तिजनक साक्ष्य एकत्र करते हुए एक प्रमुख मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। कई एजेंटों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है। हम एक बार फिर भारतीय नागरिकों से अपील करते हैं कि वे किसी के बहकावे में न आएं। रूसी सेना के साथ सहायक नौकरियों के लिए एजेंटों द्वारा की गई पेशकश। यह जीवन के लिए खतरे और जोखिम से भरा है।”
#WATCH | MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, “Several Indian nationals have been duped to work in the Russian army. We have strongly taken up the matter for the early discharge of such Indian nationals. Strong action has been initiated against agents who recruited them on… pic.twitter.com/4o9Puxxm9Y
— ANI (@ANI) March 8, 2024
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हैदराबाद का एक युवक की मौत
जयसवाल ने कहा, “हम रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में कार्यरत अपने नागरिकों की शीघ्र रिहाई और अंततः उनकी घर वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं।” यह तब हुआ जब विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि रूस-यूक्रेन युद्ध में धोखा दिया गया हैदराबाद का एक युवक अग्रिम पंक्ति में मारा गया था, जिसके एक दिन बाद ही सीबीआई ने मानव तस्करी नेटवर्क से जुड़े एक रैकेट का भंडाफोड़ किया था।
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मानव तस्करी नेटवर्क की सीबीआई जांच
अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने विभिन्न वीजा परामर्श फर्मों और एजेंटों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने बताया कि तलाशी के दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और 50 लाख रुपये जब्त किए गए हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसी को ऐसे 35 उदाहरण मिले हैं जिनमें सोशल मीडिया चैनलों और स्थानीय संपर्कों और एजेंटों के माध्यम से उच्च वेतन वाली नौकरियों के झूठे वादे का लालच देकर युवाओं को रूस ले जाया गया था।
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कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
एक बयान में, एक सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि तस्करी किए गए भारतीय नागरिकों को लड़ाकू भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया गया था और उनकी इच्छा के विरुद्ध रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में अग्रिम ठिकानों पर तैनात किया गया था, जिससे उनका जीवन खतरे में पड़ गया। संघीय एजेंसी ने कुछ वीजा कंसल्टेंसी फर्मों और एजेंटों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके बाद दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई में 13 स्थानों पर तलाशी ली गई। केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली में 24×7 आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन और इसके निदेशक सुयश मुकुट, मुंबई में ओएसडी ब्रोस ट्रैवल्स एंड वीज़ा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक राकेश पांडे, चंडीगढ़ में एडवेंचर वीज़ा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक मंजीत सिंह और बाबा व्लॉग्स पर मामला दर्ज किया है। दुबई में ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक फैसल अब्दुल मुतालिब खान उर्फ बाबा।
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