भारत ने 23 अगस्त को कहा कि वह यूक्रेन में जपोरीजिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थिति को लेकर चिंतित है। परमाणु सुविधाओं से जुड़ी किसी भी दुर्घटना के संभावित विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया था। रूस के हमले तबसे लगातार जारी हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के 24 अगस्त की सुबह छह माह पूरे हो गए।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत, यूक्रेन की परमाणु सुविधाओं की सुरक्षा और रक्षा के संबंध में विकास का सावधानीपूर्वक पालन करना जारी रखता है और यह इन सुविधाओं की सुरक्षा और रक्षा सुनिश्चित करने के लिए उच्च महत्व देता है।
खास बातेंः
इस बीच 23 अगस्त को अमेरिका ने अपने नागरिकों से तुरंत यूक्रेन छोड़ने का आग्रह किया है। अमेरिकी ने दावा किया है कि रूस अगले कुछ दिनों में यूक्रेन में नागरिक और बुनियादी ढांचे पर निशाना लगाने की तैयारी में है।
हमले की आशंका को देखते हुए यूक्रेन ने भी सोवियत शासन से आजादी मिलने की 24 अगस्त को स्वतंत्रता की वर्षगांठ पर कीव में समारोहों पर पाबंदी लगा दी है। इस बीच रूसी सेना दक्षिण-पूर्व यूक्रेन के जपोरीजिया क्षेत्र में लगातार हवाई हमले कर रही है। यहां यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है।
रूसी सेना यहां एक बड़े इलाके को नियंत्रित कर रही है। इसमें काला सागर तट और पूर्वी दोनबास क्षेत्र का हिस्सा भी शामिल है। छह माह बीतने के बाद भी इस युद्ध में फिलहाल शांति की संभावनाएं लगभग नहीं के बराबर ही दिखाई दे रही हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आशंका जताई कि बुधवार को स्वतंत्रता दिवस पर रूस बड़ी सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
यूक्रेन में इस बात को लेकर लोग डरे हुए हैं कि स्वतंत्रता दिवस पर छुट्टी के दिन रूस उनके सरकारी और नागरिक लक्ष्यों को निशाना बना सकता है।
अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद मास्को के शीर्ष नेतृत्व और कुलीन वर्ग के लोगों समेत करीब 5,000 नागरिकों पर प्रतिबंध लगाए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि क्रेमलिन की जवाबदेही तय करने के लिए और उपायों पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि रूस, यूक्रेन के लोकतंत्र व उसके नागरिकों की स्वतंत्रता पर बर्बर प्रहार कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार 24 फरवरी को रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से 5,587 यूक्रेनी नागरिक मारे गए हैं, जबकि 7,890 अन्य लोग घायल हुए हैं। यूनिसेफ के मुताबिक रूसी कार्रवाई शुरू होने के बाद से अब तक 972 यूक्रेनी बच्चे मारे गए या घायल हुए हैं। जबकि वास्तविक संख्या बहुत अधिक है।
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