मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त द्वारा लगाए गए सौ करोड़ रुपए की रंगदारी के आरोप की जांच चांदीवाल आयोग कर रहा है। इस प्रकरण में चांदीवाल आयोग के अध्यक्ष के.यू चांदीवाल जांच कर रहे हैं। जिसमें निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे ने कहा कि उन्होंने किसी भी बार अथवा होटल से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की। इसलिए पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख तथा उनके कार्यालय तक वसूली के पैसे पहुंचाने का सवाल ही नहीं उठता है। इस बयान के पश्चात आरोपों को लेकर अनिल देशमुख की चांदी हो गई है।
चांदीवाल आयोग के समक्ष आज वसूली मामले में पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख तथा आरोपित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की आमने-सामने सुनवाई हो रही थी। अनिल देशमुख के वकील गिरीश कुलकर्णी ने सचिन वाझे से वसूली के बारे में तथा अनिल देशमुख को पैसे देने के बारे पूछताछ की। इस सवाल का जवाब देते हुए सचिन वाझे ने कहा कि उन्होंने किसी भी होटल तथा बीयर बार अथवा अन्य कहीं से भी कोई वसूली नहीं की है। इसलिए किसी को पैसे देने का सवाल ही नहीं उठता है। इसके बाद वकील गिरीश कुलकर्णी ने सचिन वाझे से अनिल देशमुख को अथवा उनके कार्यालय में किसी को पैसे पहुंचाने के बारे पूछा। इसका जवाब भी सचिन वाझे ने नहीं में दिया है। पूछताछ के वक्त पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख चांदीवाल आयोग के समक्ष उपस्थित थे। इसके बाद पूर्व न्यायाधीश व चांदीवाल आयोग के अध्यक्ष के.यू. चांदीवाल ने मामले की सुनवाई 21 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
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इस प्रकरण में हो रही है सुनवाई
उल्लेखनीय है कि निलंबित आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूली का लक्ष्य देने का आरोप मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर लगाया था। इसी वजह से मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश के.यू. चांदीवाल की अध्यक्षता में एक सदस्यीय चांदीवाल आयोग का गठन किया था। इस आयोग के समक्ष परमबीर सिंह पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने यह आरोप सुनी सुनाई बातचीत के आधार पर लगाया था। उनके पास कोई सबूत नहीं हैं।