जेल में बंद सचिन वाजे (Sachin Waze) ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अनिल देशमुख पीए के जरिए पैसे लेते थे। सचिन वाजे ने दावा किया है कि सीबीआई (CBI) के पास इसके सबूत हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि उन्होंने उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) को पत्र लिखकर इस बात की जानकारी दी है। इसलिए महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति (Politics) में जबरदस्त हलचल होने की संभावना है।
जेल जाने के बाद सचिन वाजे ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने गंभीर आरोप लगाए हैं। अनिल देशमुख पीए के जरिए भुगतान करते थे। इस संबंध में सीबीआई के पास सबूत हैं। मैंने इस संबंध में उप मुख्यमंत्री फडणवीस को भी पत्र लिखकर जानकारी दी है।’ ऐसे में मैं नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं। मैंने सारे सबूत दे दिये हैं। उन्होंने कहा है कि मैंने जयंत पाटिल का नाम भी बताया है।
#WATCH | Mumbai, Maharashtra | Dismissed Mumbai police officer and accused in Rs 100 crore extortion case, Sachin Waze says, "Whatever has happened, the proof is there. The money used to go through his (Anil Deshmukh) PA, CBI has the proof and I have also written a letter to… pic.twitter.com/Y3MidoPDME
— ANI (@ANI) August 3, 2024
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देशमुख ने फडणवीस पर लगाया आरोप
सचिन वाजे के गंभीर आरोपों से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। बता दें कि कुछ दिन पहले अनिल देशमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए थे। यह आरोप सचिन वाजे पर लगा है जबकि यह मामला सुर्खियों में है। इसलिए इसकी टाइमिंग को लेकर संदेह जताया जा रहा है। इस मामले पर सत्ता पक्ष के और आक्रामक होने की संभावना है।
यह भी पता चला है कि सचिन वाजे की लिखी चिट्ठी में जयंत पाटिल और कुछ अन्य नेताओं के नाम हैं। इसलिए इस बात पर पर्दा पड़ा हुआ है कि आखिर जयंत पाटिल पर क्या आरोप लगा है और इसमें किन-किन नेताओं के नाम हैं। यह तय है कि यह पत्र राजनीति में सरगर्मी पैदा करने वाला है।
जानें क्या है पूरा मामला ?
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के नेता अनिल देशमुख ने अप्रैल, 2021 में गृहमंत्री के पद इस्तीफा दे दिया था क्योंकि मुंबई के तत्कालीन पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने उनपर आरोप लगाया था कि वह पुलिस को शहर के होटल एवं बार मालिकों से वसूली करने को कहते हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि (तब विपक्ष में रहे) फडणवीस द्वारा कथित रूप से भेजे गए एक व्यक्ति ने उनसे मुलाकात की थी और उसके पास तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे, तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार और तत्कालीन परिवहन मंत्री अनिल परब को फंसाने वाले कई हलफनामे थे। पूर्व मंत्री ने दावा किया कि उस व्यक्ति ने उनसे कहा था कि उन्हें खुद को मुकदमेबाजी से बचाने के लिए इन हलफनामों पर दस्तखत कर देना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया। (Sachin Waze on Anil Deshmukh)
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