साइबर अपराध और वित्तीय धोखाधड़ी के खिलाफ भारत की लड़ाई को मजबूती देने के प्रयास के तहत शुरू किये गये नागरिक केन्द्रित पोर्टल ‘संचार- साथी’ और एएसटीआर टूल की मदद से लगभीग 114 करोड़ सक्रिय मोबाइल कनेक्शन का विश्लेषण किया गया है। इसके तहत अवैध मोबाइल कनेक्शन और पीओएस के बारे में बड़े पैमाने में धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ और इन पर कार्रवाई भी की गई। ‘संचार साथी’ पोर्टल की शुरूआत विश्व दूरसंचार दिवस (17 मई 2023) पर हुई थी।
‘संचार साथी’ पोर्टल का परिणाम –
– 66 लाख से अधिक संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों का पता लगाया गया।
– दोबारा सत्यापन न होने पर 52 लाख से अधिक मोबाइल कनेक्शन काटा दिये गये हैं।
– 67,000 से अधिक पीओएस को काली सूची में डाल दिया गया है।
– करीब 17,000 मोबाइल हैंडसेट बंद/ब्लाक कर दिये गये हैं।
– 1,700 से अधिक पीओएस के खिलाफ 300 से अधिक एफआईआर दर्ज की गई हैं।
– 66,000 से ज्यादा व्हाट्सएप अकाउंट ब्लाक किये गये हैं।
– जालसाजों द्वारा इस्तेमाल किये गये लगभग आठ लाख बैंक/वॉलेट खाते फ्रीज कर दिये गये हैं।
– धोखाधडी से उनके नाम पर पंजीकृत मोबाइल कनेक्शन के बारे में लगभग 18 लाख ग्राहकों की शिकायतों में से 9.26 लाख शिकायतों का समाधान किया गया है।
– चोरी/खोए मोबाइल हैंडसेट की 7.5 लाख शिकायतों मे से तीन लाख मोबाइल हैंडसेट का पता लगा लिया गया है।
– जनवरी 2022 से 114 अवैध दूरसंचार केन्द्रों का पता चला और एलईए द्वारा कार्रवाई की गई।
संचार- साथी का प्रभाव – संचार साथी’ पोर्टल मोबाइल ग्राहकों को निम्न क्षेत्रों में सशक्त बनाता है।
– उनके नाम पर पंजीकृत मोबाइल कनेक्शन का पता लगाना
– उनके नाम पर धोखाधड़ी से पंजीकृत कनेक्शन, यदि कोई हो, उसकी जानकारी देना
– चोरी/खोए हुये मोबाइल हैंडसेट की रिपोर्ट तथा उन्हें ब्लॉक करना।
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