Sandeshkhali Case: पश्चिम बंगाल (West Bengal) के संदेशखाली के पीड़ितों (victims of Sandeshkhali) से रविवार को फैक्ट फाइंडिंग टीम (Fact Finding Team) के सदस्यों ने मुलाकात की। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में समिति की सदस्य भावना बजाज (Bhavna Bajaj) ने बताया कि वे 28 से 70 साल की उम्र की 20 महिलाओं से मिलीं।
इस दौरान 70 साल की महिलाएं खड़े होकर रो रही थीं, उन्हें अपनी बेटियों और बहुओं की चिंता है। उन्होंने बताया कि वे एक पीड़िता से मिलीं जिसके पूरे चेहरे पर चोट के निशान थे। हर रात वह अपनी चार साल की बच्ची को आरोपितों से बचाने के लिए छिपने को मजबूर होती थी। अपराधियों ने उसके पति को गांव छोड़ने के लिए मजबूर किया।
“Situation horrifying…one person still ruling island”: Independent central team member after visiting Sandeshkhali
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— ANI Digital (@ani_digital) March 3, 2024
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पीड़ित महिलाओं ने लिया शिबू हाजरा का नाम
भावना बजाज ने बताया कि अधिकतर पीड़ित महिलाओं ने शिबू हाजरा नामक एक व्यक्ति का नाम लिया है। जब भी लोग उनके पार्टी कार्यालय में जाते हैं, तो वे महिलाओं को लाते हैं और रखते हैं। मनोरंजन के लिए पूरी रात महिलाओं का इस्तेमाल करते थे। लोग इस कदर डरे हुए हैं कि वे बलात्कार या यौन उत्पीड़न शब्द का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। लेकिन उनके शरीर पर चोट और चोट के निशान स्पष्ट रूप से उनकी कहानी बयान कर रहे हैं। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि वे अपनी शिकायत लेकर पुलिस के पास नहीं जा सकतीं क्योंकि कोई उनकी बात नहीं सुनता है।
टीम को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
राजभवन सूत्रों के मुताबिक, फैक्ट फाइंडिंग टीम के साथ बैठक के बाद राज्यपाल ने राज्य पुलिस डीजी राजीव कुमार से रिपोर्ट तलब की है। हिंसाग्रस्त संदेशखाली का दौरा करने पहुंची पटना हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश नरसिम्हा रेड्डी के नेतृत्व वाली छह सदस्य फैक्ट फाइंडिंग टीम को 25 फरवरी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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