Sanjauli Mosque: शिमला में मस्जिद पर बवाल, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया और जोरदार नारे लगाने लगे।

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Sanjauli Mosque: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की राजधानी शिमला (Shimla) में बुधवार को उस समय तनाव बढ़ गया जब कई हिंदू संगठनों (Hindu organizations) के सदस्यों सहित प्रदर्शनकारी (protesters) संजौली इलाके (Sanjauli area) में एक मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए ढली इलाके में एकत्र हुए।

रिपोर्टों से पता चलता है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया और जोरदार नारे लगाने लगे। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। विरोध मार्च से पहले, शिमला में ढली सुरंग पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था, और अधिकारी प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने और किसी भी घटना को रोकने के लिए वाहनों की जांच कर रहे थे।

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प्रदर्शनकारियों का दावा
नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने अपनी रैलियों के दौरान बैरिकेडिंग हटा दी है और ढली टनल ईस्ट पोर्टल में प्रवेश कर गए हैं और पुलिस प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उन पर पानी की बौछारें कर रही है। पुलिस के हस्तक्षेप के बावजूद, प्रदर्शनकारियों ने कथित अवैध निर्माण को गिराने की बार-बार मांग की। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने मस्जिद के अनधिकृत निर्माण की सूचना बार-बार अधिकारियों को दी है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उनका तर्क है कि यह मुद्दा धार्मिक स्थल का नहीं बल्कि वैध बनाम अवैध निर्माण का है।

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5 मंजिला अवैध मस्जिद: यह कैसे हुआ?
यह विवाद 2010 में शुरू हुआ था, जब निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जो पहले एक दुकान थी। कई नोटिसों के बावजूद, मस्जिद का विस्तार कथित तौर पर 6750 वर्ग फीट तक हो गया है। विवादित भूमि हिमाचल प्रदेश में सरकारी संपत्ति है। हालांकि, मस्जिद के इमाम का दावा है कि यह 1947 से पहले की एक पुरानी संरचना है और इसका स्वामित्व वक्फ बोर्ड के पास है।

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2010 से अब तक 45 सुनवाई 
7 सितंबर को मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के संबंध में नगर आयुक्त के कार्यालय में सुनवाई हुई। 2010 से अब तक इस मामले पर 45 सुनवाई हो चुकी हैं, फिर भी कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इस अवधि के दौरान, मस्जिद दो मंजिला संरचना से बढ़कर पांच मंजिला इमारत बन गई है। इसके अतिरिक्त, स्थानीय निवासियों ने क्षेत्र में मुस्लिम आबादी में तेजी से वृद्धि देखी है।स्थानीय शिकायतों में आरोप शामिल हैं कि मुस्लिम क्षेत्र के बाहर से भूमि पर अतिक्रमण कर रहे हैं, जिससे शिमला की जनसांख्यिकी संरचना बदल रही है।

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