उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ अदालत (Lucknow Court) में 7 जून को फायरिंग (Firing) की बड़ी घटना हुई। यूपी के पूर्व ऊर्जा मंत्री और बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी (Brahmadutt Dwivedi) की हत्या (Murder) के मामले में आरोपी संजीव जीवा (Sanjeev Jeeva) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। संजीव जीवा की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। फायरिंग के दौरान एक बच्ची को भी गोली लगी है। बताया जा रहा है कि हमलावरों (Attackers) ने वकीलों (Lawyers) के वेश में अदालत परिसर के बाहर वारदात को अंजाम दिया।
गौरतलब हो कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी वही नेता थे, जिन्होंने यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती को गेस्टहाउस कांड में बचाया था। कहा जाता है कि ब्रह्मदत्त द्विवेदी का यूपी में इतना दबदबा था कि अगर उनकी हत्या न की गई होती तो वे यूपी के मुख्यमंत्री बनते। ब्रह्मदत्त द्विवेदी यूपी के फर्रुखाबाद जिले से राजनीति के शिखर पर पहुंचे और वर्तमान में उनके पुत्र मेजर सुनील दत्त द्विवेदी फर्रुखाबाद से विधायक हैं।
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कौन है संजीव जीवा, जिसकी हत्या हुई
संजीव जीवा मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी गैंग से जुड़ा था। विधायक कृष्णानंद राय और ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में संजीव जीवा का नाम आया था। हालांकि, कृष्णानंद राय की हत्या में उसे बरी कर दिया गया था। संजीव को पश्चिमी यूपी का सबसे खूंखार अपराधी बताया जाता है। उसे कुछ दिन लखनऊ जेल में रखा गया। यहीं से उसे एक मामले में पेशी के लिए लाया गया था। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद ही संजीव ने अपनी जान को खतरा बताया था।
पुलिस कस्टडी में मारी गोली
यूपी पुलिस और कानून व्यवस्था को एक बार फिर खुली चुनौती मिली है। इस बार सड़क की जगह कोर्ट परिसर में ही फायरिंग की गई है। अतीक-अशरफ की हत्या की तरह अपराधी संजीव जीवा की लखनऊ अदालत परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। अतीक हत्याकांड की तरह यहां भी हमलावर पकड़ा जा चुका है।
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