जेल प्रशासन ने तिहाड़ जेल नंबर 2 के अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मामला दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के अनुरोध पर तीन लोगों को उनके सेल में भेजने से संबंधित है।
भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तारी के बाद पिछले वर्ष से जेल में बंद दिल्ली के मंत्री जैन ने 11 मई को एक आवेदन दिया था, जिसमें अवसादग्रस्त होने और उसे दूर करने के लिए सामाजिक मेलजोल बढ़ाने के लिए डॉक्टर की सलाह का हवाला देते हुए सेल बदलने का अनुरोध किया गया था।
यह है पूरा मामला
जैन ने अपने आवेदन में कहा था, कि वे अकेलेपन के कारण उदास और अवसादग्रस्त महसूस कर रहे हैं। इसके लिए एक मनोचिकित्सक ने उन्हें लोगों से मिलने-जुलने का सुझाव दिया है। उन्होंने कम से कम दो और व्यक्तियों के साथ रहने का अनुरोध किया था। सत्येंद्र जैन ने उन दो लोगों के नाम भी बताए थे। उसके बाद 12 मई को जेल नंबर 1 के अधीक्षक द्वारा सात कैदियों को स्थानांतरित कर दिया गया था। उनमें से तीन को जैन की सेल में स्थानांतरित कर दिया गया।
जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस
महानिदेशक (जेल) संजय बेनीवाल ने बताया कि मामले में जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही सभी सातों कैदियों को उनके संबंधित सेल में वापस स्थानांतरित कर दिया गया है। कैदियों के स्थानांतरण की जानकारी जेल मुख्यालय को मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई की गई है।
सीबीआई ने 2017 में दर्ज किया था मामला
बता दें कि सीबीआई ने अगस्त 2017 में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत सत्येंद्र जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया था और एक साल बाद आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके, उनकी पत्नी और उनके चार सहयोगियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। इसके बाद, ईडी ने अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफोसोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।
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2022 में ईडी ने किया था गिरफ्तार
दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। इस वर्ष मार्च में, जैन के खिलाफ 2017 के मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे ईडी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष तिहाड़ जेल में उनके आचरण और “प्रभाव” को लेकर सवाल उठाया था।
मालिश कराने का वीडियो हुआ था वायरल
ईडी के वकील ज़ोहेब हुसैन ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा की पीठ के समक्ष एक वीडियो का हवाला देते हुए यह दलील दी थी, जिसमें सीसीटीवी फुटेज की तस्वीरें थीं। उसमें देखा जा रहा था कि जैन ने “किसी व्यक्ति से पैरों की मालिश कराई थी”।