सऊदी में ये कैसी शेखी…जान कर हिल जाएंगे आप!

लोजैन उन चंद सऊदी महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति देने की मांग की थी। इसके साथ ही पुरुष अभिभावक कानून को हटाने की मांग उठाई थी। उनका कहना है कि ये दोनों ही कानून महिलाओं की आजादी पर प्रतिबंध की तरह है।

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सऊदी एरब की महिला कार्यकर्ता लोजैन अल-हथलोल को आतंकवाद रोधी कानून के तहत छह साल की जेल की सजा सुनाई गई है। इस फैसले की अंतर्रराष्ट्रीय जगत में तीव्र आलोचना की जा रही है। लोजैन पहले से ही कैद हैं और उन्हें कई बार नजरबंद भी किया जा चुका है। लोजैन उन चंद सऊदी महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति देने की मांग की थी। इसके साथ ही पुरुष अभिभावक कानून को हटाने की मांग उठाई थी। उनका कहना है कि ये दोनों ही कानून महिलाओं की आजादी पर प्रतिबंध की तरह है।

अमेरिका और सऊदी अरब के संबंधों पर असर
जानकारों के अनुसार लोजैन-अल-हथलौल को लगातार कैद में रखने का असर सऊदी अरब और अमेरिका के संबंधों पर पड़ रहा है। मानवाधिकार संगठन प्रिजनर्स ऑफ कॉन्शंस के मुताबिक लोजैन को मार्च 2021 में रिहा किया जा सकता है। संगठन का कहना है कि सजा की ज्यादातर अवधि  काट चुकी हैं। वह मई 2018 से कैद में हैं और इसके आधार पर 34 महीने की उनकी सजा खत्म की जा सकती है।अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रपति सुरक्षा सलाहकार देक सुलिवान ने लोजैन की सज्जा को अन्यायपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है,’ बाइडन-हैरिस प्रशासन मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ हमेशा खड़ा रहेगा। चाहे ये उल्लंघन कहीं भी हो रहा हो।’

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पांच साल तक देश से बाहर जाने पर पाबंदी
लोजैन के परिवार को बताया गया है कि रिहाई के बाद भी उनके पांच साल तक देश के बाहर जाने पर पाबंदी होगी। इसके साथ ही रिहाई के तीन साल तक उन्हें पुलिस पर्यवेक्षण में रहना होगा।

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सऊदी अरब ने लगाए हैं कई गंभीर आरोप
सऊदी अरब की सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक आतंकवाद रोधी अदालत ने लोजैन को कई आरोपों में दोषी पाया गया है। कानूनों में बदलाव के लिए आंदोलन करने, विदेश के इशारे पर एजेंडा चलाने, लोक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल करने जैसे आरोप शामिल हैं। अदालत ने लुजैन क उन व्यक्तियों एवं प्रतिष्ठानों का सहयोग करने का भी दोषी ठहराया है, जिन्होंने आतंकवाद रोधी कानून के तहत अपराध किए हैं। लोजैन पर वर्ष 2018 में विदेशी राजनयिकों, पत्रकारों और मानवाधिकार संगठनों के साथ संवाद करके और महिलाओं के हकों के लिए दबाव डालकर प्रशासन के हितों और उसके राजनैतिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाय गया था।

परिवार का आरोप

  • जेल में लोजैन को यातनाएं दी गईं
  • हिरासत में लिए जाने के बाद तीन महीने तक बात नहीं करने दी गई।
  • उसे बिजली के झटके दिए गए और कोड़ो से पिटाई की गई।
  • लोजैन का यौन शसोषण भी किया गया।

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