जम्मू कश्मीर शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है, जिसमें 300 शिक्षा संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। यह संस्थान फलह-ए-आम ट्रस्ट द्वारा संचालित किये जाते हैं। जिसका संबंध प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से है। इसके साथ ही राज्य में आतंकी तालीम पर ताला लगाने की दिशा में प्रशासन ने बड़ा अब तक का सबसे कदम उठाया है।
स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी की जांच रिपोर्ट के बाद शिक्षा विभाग आतंकी तालीम पर ताला लगाया है। सूत्रों के अनुसार जमात-ए-इस्लामी के अंतर्गत संचालित हो रहे संस्थानों में विदेशी फंडिंग की जानकारी मिली थी। इनमें जिहादी सामग्रियों के माध्यम से बच्चों के माइंड वॉश की कक्षाएं ली जाती थीं। इस संबंध में स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने ठोस प्रमाण इकट्ठा किये हैं। इसके आधार पर स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट (एसईडी) ने कार्रवाई करते हुए 300 स्कूलों को तत्काल बंद करने का आदेश दे दिया। इसमें पढ़नेवाले छात्रों को घर के पास के सरकारी स्कूल में प्रवेश लेने के लिए कहा गया है।
कितने ले रहे थे जहरीली तालीम
अनुमान के अनुसार राज्य में 50 हजार छात्रों को जहरीली तालीम दी जा रही थी। इसके लिए फलह-ए-आम ट्रस्ट ने 5 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की है। इसके पहले वर्ष 1990 में भी जमात-ए-इस्लामी और फलह-ए-आम ट्रस्ट के अंतर्गत संस्थानों पर प्रतिबंध लग चुका है। उस समय शिक्षकों को सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में समाहित कर लिया गया था।
ये भी पढ़ें – शोपियां मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने बैंक मैनेजर की हत्या का ऐसे लिया बदला!
जमात-ए-इस्लामी पर है प्रतिबंध
जमात-ए-इस्लामी की ही संस्था है फलह-ए-आम ट्रस्ट (एफएटी)। जिसका गठन 31 जुलाई,1972 को किया गया है। आतंकी संगठनों के साथ संलिप्तता के आधार पर 28 फरवरी, 2019 को तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद जमात के कई कार्यालयों को सील कर दिया गया था।
सरकार का पहला सकारात्मक कदम
Join Our WhatsApp Communityकट्टरवादी संस्थानों को समाप्त करने और ब्रेन वॉश करनेवाले जमात-ए-इस्लामी द्वारा संचालित स्कूलों को बंद करने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया पहला बड़ा निर्णय है। इक्कजुट्ट जम्मू इस निर्णय का पूर्ण रूप से समर्थन करती है। यह पहला कदम है, ऐसी कार्रवाइयां चलती रहनी चाहिए।
अंकुर शर्मा -इक्कजुट्ट जम्मू