भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India) ने अमेरिकी (US) वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research) को काराण बताओ नोटिस (Show Cause Notice) भेजा है। यह नोटिस अडानी समूह (Adani Group) के शेयरों पर दांव लगाने के कथित उल्लंघन पर जारी किया गया है। अडानी समूह पर स्टॉक मैनिपुलेशन (Stock Manipulation) करने का आरोप लगाया गया था।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी का नोटिस मिलने की जानकारी दी है। उसने नोटिस पर नाराजगी जाहिर की है। हिंडनबर्ग ने कहा कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने की कोशिश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि अडानी समूह की कंपनियों पर शेयरों में हेराफेरी का आरोप लगाने के बाद समूह की कंपनियों और निवेशको बड़ा नुकसान हुआ था।
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हिंडनबर्ग ने कहा कि उसे 27 जून को सेबी से एक ईमेल मिला और बाद में भारतीय नियमों के संदिग्ध उल्लंघन को रेखांकित करते हुए एक कारण बताओ नोटिस मिला। हिंडनबर्ग ने कहा कि ‘आज तक अडानी समूह हमारी रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का जवाब देने में विफल रहा है। दिए गए जवाब में हमारे द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दे की अनदेखी की गई है। हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि गौतम अडानी और उनके भाई विनोद अडानी और करीबी सहयोगियों द्वारा शेल कंपनियों का एक मजबूत नेटवर्क बनाया गया था। हमने विस्तार से बताया कि कैसे इन शेल कंपनियों के जरिए अरबों डॉलर की ठगी की गई।’
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि ‘वह सूचना के अधिकार कानून के तहत एक आवेदन दायर कर सेबी के उन कर्मचारियों के नाम मांगेगी जो अडानी और हिंडनबर्ग मामले पर काम कर रहे थे।’ हिंडनबर्ग ने यह भी कहा है कि वह सेबी और अडानी और उनके विभिन्न प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठकों और कॉल का ब्योरा मांगेगी।
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