Share Market: मल्टीबैगर रिटर्न देने वाली कंपनी पर सेबी की सख्ती, शेयर मार्केट में बैन किया

सेबी की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि फिर क्रेसेंडा के पास 2015 से 2022 तक कोई खास ऑपरेशनल रेवेन्यू नहीं था, लेकिन 2023 में अचानक उसकी बिक्री में जबरदस्त इजाफा हो गया।

71
Photo: Social Media

Share Market: मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने पिछले 5 सालों के दौरान शेयर बाजार के निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा देने वाली कंपनी क्रेसेंडा रेलवे सॉल्यूशंस और उसके कई डायरेक्टर्स के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए उन्हें शेयर बाजार से बैन कर दिया है। कंपनी और उसके डायरेक्टर्स पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा है।

वित्तीय अनियमितता की वजह से विवाद
क्रेसेंडा रेलवे सॉल्यूशंस के शेयर ने पिछले कुछ सालों के दौरान जबरदस्त धूम मचाई थी। पिछले 5 सालों की अवधि में इस कंपनी के शेयर ने निवेशकों को कई गुना मल्टीबैगर रिटर्न दिया है, लेकिन अब ये कंपनी गंभीर वित्तीय अनियमितता के आरोपों की वजह से बड़े विवाद में फंस गई है। मार्केट रेगुलेटर सेबी के अनुसार कंपनी ने फर्जी बिक्री और खरीद के जरिए अपने अकाउंट्स और बैलेंस शीट में गलत आंकड़े दिखाए। आरोप है कि निवेशकों को धोखे में रखने के लिए ऐसा किया गया। सेबी के आदेश में बताया गया है कि क्रेसेंडा ने उत्पादों की नकली बिक्री और खरीद का सहारा लिया और फर्जी रेवेन्यू दिखाकर अपने खातों में आंकड़ों को बढ़ाया‌। ये गड़बड़ियां वित्त वर्ष 2022-23 की तो हैं ही, 2023-24 में भी ये गड़बड़ियां जारी रहीं।

पैसे को गलत तरीके से किया गया डायवर्ट
जांच के दौरान सेबी को इस बात का भी पता चला कि कंपनी ने प्रेफरेंशियल एलॉटमेंट के जरिए जुटाए गए पैसे को गलत तरीके से डायवर्ट किया। इसके अलावा जिन 28 लोगों को शेयर अलॉट किए गए, उनकी ओर से किए गए पेमेंट की भी सेबी द्वारा जांच की जा रही है। सेबी ने कहा है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि कुछ नोटिस धारकों को आंशिक या बिना किसी भुगतान के ही शेयर अलॉट कर दिए गए।

सेबी की जांच में खुलासा
सेबी की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि फिर क्रेसेंडा के पास 2015 से 2022 तक कोई खास ऑपरेशनल रेवेन्यू नहीं था, लेकिन 2023 में अचानक उसकी बिक्री में जबरदस्त इजाफा हो गया। इस साल कंपनी ने 75.15 करोड़ रुपये की बिक्री दिखाई, लेकिन ये बिक्री फर्जी ट्रांजैक्शन के आधार पर दिखाई गई थी। कंपनी का ये वास्तविक ग्रोथ नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य केवल निवेशकों को पैसा लगाने के लिए आकर्षित करना था। इन फर्जी आंकड़ों की कारण ही पिछले 3 साल में कंपनी के शेयर होल्डर्स की संख्या 2,700 से बढ़ कर 56,556 हो गई।

Vijayadashami: खाने-पीने की चीजों में गंदगी मिलाने का मामला, स्वामी रामदेव ने मुस्लिम धर्मगुरुओं से की यह अपील

सेबी का आदेश में साफ
मार्केट रेगुलेटर सेबी के आदेश में साफ किया गया है कि कंपनी द्वारा की गई अनियमितताओं के कारण शेयर होल्डर्स और इन्वेस्टर्स के हितों पर असर पड़ सकता है। इस बात की काफी संभावना है कि जैसे ही आदेश जारी होगा वैसे ही नोटिस पाने वाले कई आरोपी तत्काल ही अपना पूरा शेयर बेचकर कंपनी से बाहर निकल सकते हैं। इसीलिए इन्हें रोकने के लिए शेयर बाजार में उन्हें किसी भी तरह की गतिविधि में भाग लेने से बैन किया जा रहा है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.