राजस्थान में तीन दिन में सात लोगों की मौत, इन चार जिलों में बाढ़ से बुरा हाल

राजस्थान स्टेट कंट्रोल रूम के अनुसार प्रदेश में चार जिलों में 20 हजार से ज्यादा बिजली के पोल उखड़े हैं। यानी औसतन हर जिले में 5000 के आसपास बिजली के पोल उखड़े हैं।

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चक्रवात बिपरजॉय की तूफानी चाल से राजस्थान के चार जिलों जालोर, सिरोही, बाड़मेर और राजसमंद में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। तूफान के असर से आसपास प्रदेश के कई जिलों में बारिश जारी है। पाली में 18 जून की रात दो लोगों की पानी में बहने से मौत हो गई। बीते तीन दिन में इस आपदा के कारण सात लोग जान से हाथ धो बैठे।

चार जिलों में जल भराव
आपदा राहत विभाग के सचिव पीसी किशन ने बताया कि तूफान से जनहानि नहीं हुई है लेकिन भयंकर बारिश से चार जिलों बाड़मेर, जालोर, पाली, सिरोही में बाढ़ आ गई। यहां एक ही दिन में इतनी बारिश हुई है जो पूरे साल की बारिश से 20 गुना ज्यादा है। बचाव के लिए एनडीआरएफ की चार टीमें और एसडीआरएफ की 30 टीमें इन जिलों में तैनात गई हैं।

2000 मकान ध्वस्त
स्टेट कंट्रोल रूम के मुताबिक चार जिलों में 20 हजार से ज्यादा बिजली के पोल उखड़े हैं। यानी औसतन हर जिले में 5000 के आसपास बिजली के पोल उखड़े हैं। कच्चे मकानों के ढहने की संख्या 2000 से ज्यादा हो सकती है। मवेशियों की मौत के आंकड़े अभी नहीं आए हैं।

जानिये, कहां कैसा है हाल
-बताया गया है कि पाली में अलवर निवासी 37 साल के मनोज यादव स्कॉर्पियो में जा रहे थे। फालना थाना क्षेत्र में बेडल गांव के पास सड़क पर बहकर आ रहे बरसाती पानी में उनकी गाड़ी बह गई। हादसे में डूबने से उनकी मौत हो गई। रेस्क्यू कर शव और गाड़ी को निकाला गया है। इसी तरह फालना के शिवाजी नगर निवासी 50 साल के पकाराम पुत्र जेकाराम जोगी घर के पास नाले में बह गया।

-इससे पहले 18 जून को डूबने और चट्टान के नीचे दबने से चार लोगों की और 17 जून को एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। तूफान के कारण जालोर, सिरोही, बाड़मेर और राजसमंद में बाढ़ के कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के लिए एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की मदद ली गई है। मानसून से पहले बरसाती नदियां उफान पर है। बांधों में पानी की आवक शुरू हो गई। गुजरे 24 घंटे में अजमेर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सिरोही, उदयपुर समेत कई जगह भारी से अतिभारी बारिश हुई।

-चक्रवात के कारण सबसे ज्यादा बरसात जालोर में हुई। यहां 36 घंटों में (17 जून सुबह 8:30 बजे से 18 जून शाम 8:30 बजे तक) 456 मिलीमीटर यानी 18 इंच बरसात हुई है। इसी तरह आहोर (जालोर) में 471, भीनमाल 217, रानीवाडा 322, चितलवाना 338, सांचोर 296, जसवंतपुरा 332, बागोड़ा में 310 और सायला में 411 मिलीमीटर बरसात मापी गई। जालोर, सिरोही, राजसमंद समेत कई जगह भारी बारिश के कारण सड़क और रेल मार्ग प्रभावित हो गया। रेलवे ने जोधपुर से होकर जालोर के रास्ते जाने वाली 11 ट्रेनों का संचालन 19 जून तक रद्द कर दिया है। जबकि, तीन ट्रेन को मारवाड़ जंक्शन, पालनपुर होकर संचालित किया। वहीं उदयपुर-अजमेर के रूट पर चलने वाली 10 से ज्यादा गाड़ियां आधा से लेकर दो घंटे तक की देरी से संचालित हुई।

-बाड़मेर जिले में 25 साल बाद पहली बार एक ही दिन में इतनी बारिश हुई है। सिवाना में बीते 48 घंटे में रिकॉर्ड 234 मिलीमीटर बारिश हुई। समदड़ी व बालोतरा में रुक-रुक कर 40 घंटे तक बारिश होती रही। जिले के चौहटन, सेड़वा और धोरीमन्ना में 12-12 इंच बारिश हुई है। बाड़मेर जिले के सबसे बड़े मेली बांध में 10 फीट से ज्यादा पानी आ गया है। जालोर के भीनमाल में रेलवे स्टेशन के पास स्थित नीबाली नाले के पास कटाव होने से पानी रेलवे स्टेशन होते हुए निचले इलाकों में घुस गया। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की टीम ने अब तक 39 लोगों को बाहर निकाला है।

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-पाली शहर में 17 जून को रात करीब 10 बजे शुरू हुई बरसात 18 जून की दोपहर थमी। भारी बारिश से शहर में कई सड़कें टूट गई, बिजली के पोल टूट गए, वहीं करंट लगने से दो लोगों की मौत हो गई। जिले के जवाई बांध और हेमावास बांध में बारिश से पानी की अच्छी आवक हुई। कई गांवों का आपस में संपर्क टूट गया। लगातार हुई बारिश के चलते पाली जिले के अधिकांश क्षेत्रों में 17 घंटे तक लाइट गुल रही।

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