रविवार (27 अक्टूबर) की रात मुंब्रा विधानसभा क्षेत्र (Mumbra Assembly Constituency) में शरद पवार गुट (Sharad Pawar Faction) के एनसीपी उम्मीदवार जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) और पार्टी के राज्य अल्पसंख्यक उपाध्यक्ष यूनुस शेख (Yunus Shaikh) के बीच बड़ी बहस हुई। मीडिया के सामने दोनों के बीच बहस इतनी बढ़ गई कि धक्का-मुक्की (Push-Shove) की नौबत आ गई। मुस्लिम बहुल संसदीय क्षेत्र मुंब्रा में लगातार कट्टरपंथियों को भगाने वाले जितेंद्र आव्हाड और अल्पसंख्यक पदाधिकारियों के बीच विवाद के कारण शरद पवार गुट में आंतरिक गुटबाजी सामने आ गई है।
बताया जा रहा है कि जितेंद्र आव्हाड और यूनुस शेख के बीच झगड़ा घोषणापत्र को लेकर था। दोनों बड़े नेताओं को कैमरे के सामने झगड़ता देख मौजूद लोगों ने बीच-बचाव किया। राज्य में जहां एनसीपी के शरद पवार और एनसीपी के अजित पवार के बीच एक-दूसरे को ताकत दिखाने की होड़ चल रही है, वहीं यह बात सामने आई है कि शरद पवार गुट के दोनों नेताओं के बीच सबकुछ ठीक नहीं है।
#WATCH | Mumbra, Maharashtra: NCP-SCP leader Jitendra Awhad and party's state Minority Vice President Yunus Shaikh got into a scuffle over the party's election manifesto book. (27.10) pic.twitter.com/YDFaORzWFq
— ANI (@ANI) October 28, 2024
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इस मौके पर एनसीपी महाराष्ट्र अल्पसंख्यक विभाग के उपाध्यक्ष यूनुस शेख ने कहा, ”मेरी नाराजगी शरद पवार से नहीं, बल्कि पार्टी के अल्पसंख्यक अध्यक्ष शमीम खान से थी और रहेगी। चुनाव के कारण हम शांत हैं।” लेकिन जैसे ही शमीम खान के साथ मेरा विवाद शुरू हुआ, जितेंद्र आव्हाड ने ग्रांटेड को आश्वासन दिया, मेरी जितेंद्र आव्हाड के साथ लगभग चार बार लड़ाई हुई है, लेकिन मैं हमेशा उनके अच्छे काम के बारे में सोचकर पीछे हट गया हूं मुंबई का विकास है।”
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