बाबा आमटे की पोती शीतल आमटे ने आत्महत्या कर ली। उच्च शिक्षित, आनंदवन के महारोगी समिति की सीईओ और सबसे मुख्य बात की एक हसमुख, मिलनसार व्यक्तित्व… लेकिन ऐसा क्या था कि परिवार ने कन्नी काट ली… ऐसा क्या हुआ जीवन में कि वो कैनवास ही अंतिम कैनवास सिद्ध हुआ? अब यह यक्ष प्रश्न हैं।
शीतल आमटे ने 29 नवंबर 2020 को एक कैनवास पेंटिंग बनाई थी जिसे उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट किया। शीलत आमटे करजगी ने अपनी पेंटिंग को “वॉर एंड पीस” का शीर्षक दिया है।
पेंटिंग में है मन का अंतरद्वंद!
चित्रकला के जानकारों के अनुसार शीतल आमटे करजगी की एक्रीलिक कैनवास पर बनीं अबस्ट्रैक्ट पेंटिग है। इसका टेक्च्सर लाइन में है। यह पेंटिंग सधे हुए हाथों से बनीं है लेकिन अपूर्णता दर्शाती है। इसके गाढ़े रंग कहीं न कहीं मानसिक ऊहापोह की स्थिति को भी प्रदर्शित करते हैं। इसके पैच वर्क को लेकर भी इसी विचार को प्रबलता मिलती है। इसके स्थान पर यदि शांत चित्त व्यक्ति इस पेंटिंग को बनाता तो सामान्य प्लेन रंगों का उपयोग करता। यह चित्र अपूर्ण था।
'War and Peace'#acrylic on canvas.
30 inches x 30 inches. pic.twitter.com/yxfFhuv89z— Dr. Sheetal Amte-Karajgi (@AmteSheetal) November 30, 2020
सामाजिक दृष्टि से शीलत आमटे करजगी एक उत्कृष्ठ कर्मठ व्यक्तित्व की धनी थीं। महारोगी सेवा समिति की विश्वस्त थीं। सोशल एंट्रेप्रेन्योर, यंग ग्लोबल लीडर (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम), स्वास्थ्य/पर्यावरण/वन/लीडरशिप, इनोवेशन विषयों की सलाहकार थीं। इन गुणों से भरपूर इस प्रतिभा का जीवन क्यों ऐसा हो गया? क्यों इनके परिवार को शीतल की मानसिक स्थिति को लेकर पत्र जारी करना पड़ा?
अनुत्तरित प्रश्न अब जांच का विषय हैं। लेकिन चित्र की कहानी यदि पहले समझी गई होती तो हो सकता है एक जीवन आज भी सभी के बीच होता।
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