ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण में प्रयागराज उच्च न्यायालय ने कार्बेन डेटिंग कराने के पक्ष में निर्णय दिया है। जिससे अब मस्जिद परिसर में न्यायालयीन सर्वेक्षण के दौरान मिले शिवलिंग के सही समय का पता चल पाएगा। इस्लामी पक्ष उसे फौवारा बताता रहा है।
पुरातात्विक महत्व के हिंदू देव स्थलों को लेकर न्यायालयीन याचिकाएं दायर करनेवाले अधिवक्ता विष्णूशंकर जैन ने याचिका दायर की थी। ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर में स्थित मस्जिद में मिले शिवलिंग के सही समय का पता लगाने के लिए कार्बन डेटिंग कराने का आदेश मांगा था। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्रा ने आदेश दिया है। इसके पहले उच्च न्यायालय ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से रिपोर्ट मंगाई थी। इसी रिपोर्ट के अनुसार न्यायालय ने निर्णय दिया है।
हिंदू पक्ष की याचिका मान्य
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी प्रकरण के याची अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा है कि, हमने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग को लेकर एक याचिका सिविल कोर्ट में दायर की थी, जिसे सिविल कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसपर हमने एक सिविल रिवीजन हाईकोर्ट प्रयागराज में डाला था, जिसपर आज कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को कोर्ट ने आदेश दिया है कि उसकी साइंटिफिक जांच कर रिपोर्ट पेश की जाए।