चारदिवारी में दशहरा!

दशहरा आ गया पर कोरोना रूपी रावण वध अभी भी लोगों को ग्रसित कर रहा है। इसके कारण विश्व आंशिक बंदी के माहौल से गुजर रहा है। इस बार कोरोना से सभी त्योहारों को भी घरों की सीमाओं में बांध दिया। अब बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा भी कोरोना के रावण से प्रभावित हो गया है।

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इस बार दशहरा चारदिवारी में हीं मनेगा। राजनीति और संस्थाएं कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रही हैं। इसके लिए रैली और शस्त्र पूजन के कार्यक्रम में चारदिवारी में आयोजित किया गया है।

दशहरा आ गया पर कोरोना रूपी रावण वध अभी भी लोगों को ग्रसित कर रहा है। इसके कारण विश्व आंशिक बंदी के माहौल से गुजर रहा है। इस बार कोरोना से सभी त्योहारों को भी घरों की सीमाओं में बांध दिया। अब बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरा भी कोरोना के रावण से प्रभावित हो गया है। देश भर में रामलीलाओं का मंचन बुरी तरह प्रभावित हुआ है तो महाराष्ट्र में दो प्रमुख उत्सव इसके कारण चारदिवारी में मनाए जाएंगे।

दशहरा रैली दीवारों में
शिवसेना के लिए दशहरा रैली इस बार बहुत महत्वपूर्ण है। पहली बार है कि ठाकरे परिवार का सदस्य शिवसेना का मुख्यमंत्री है और दशहरा रैली को संबोधित करेगा। लेकिन कोरोना के प्रतिबंधों को देखते हुए इस बार की दशहरा रैली शिवाजी पार्क से होगी लेकिन स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के हॉल में होगी।

शस्त्र पूजा भी अंदर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शस्त्र पूजा भी इस बार हॉल में ही होगी। आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया, ‘संघ के मुख्यालय नागपुर में प्रत्येक वर्ष की भांति इस बार बड़ा कार्यक्रम नहीं होगा। कोरोना के दिशानिर्देशों के चलते विजयादशमी उत्सव का कार्यक्रम एक हॉल के अंदर ही आयोजित होगा। शस्त्र पूजन के कार्यक्रम के बाद संघ प्रमुख अपना उद्बोधन देंगे। इसमें चुनिंदा ही स्वयंसेवक शामिल होंगे। सामान्यत: इस कार्यक्रम में कोई न कोई अतिथि शामिल होता है लेकिन इस बार कोई शामिल नहीं हो रहा है। संघ के सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी किया जाएगा।’

ये है कारण
वैश्विक कोरोना महामारी के कारण मुंबई सहित देश में महामारी रोग अधिनियम लागू है। खास बात यह है कि इस एक्ट को 123 साल पहले 1897 में महाराष्ट्र में फैले प्लेग महामारी से निपटने के लिए  लागू किया गया था। आज वैश्विक कोरोना महामारी से देश में सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र राज्य है।

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