Shri Krishna Janmabhoomi case: श्री कृष्ण जन्मभूमि की सिविल वाद सुनवाई जारी, इस तारिख को होगी अगली सुनवाई

भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव व अन्य सिविल वादों की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक जैन की पीठ कर रही है। सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत मस्जिद पक्ष की तरफ से सिविल वाद की पोषणीयता पर की गई आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से दूसरे दिन भी बहस की।

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Shri Krishna Janmabhoomi case: मथुरा (Mathura) में कटरा केशव देव के नाम दर्ज जमीन से शाही ईदगाह मस्जिद का अवैध कब्जा हटाकर भगवान श्रीकृष्ण विराजमान को सौंपने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में विचाराधीन सिविल वाद (civil suit pending) की सुनवाई जारी है। अगली सुनवाई 29 फरवरी को होगी।

भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव व अन्य सिविल वादों की सुनवाई न्यायमूर्ति मयंक जैन (Mayank Jain) की पीठ कर रही है। सिविल प्रक्रिया संहिता (code of civil procedure) के आदेश 7 नियम 11 के तहत मस्जिद पक्ष की तरफ से सिविल वाद की पोषणीयता पर की गई आपत्ति पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की वरिष्ठ अधिवक्ता तसनीम अहमदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से दूसरे दिन भी बहस की। कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ एवं ट्रस्ट व शाही ईदगाह मस्जिद के बीच 1968 में हुए एक समझौते में मंदिर व मस्जिद की स्थिति स्पष्ट की गई है। मस्जिद कटरा केशव देव की जमीन पर नहीं है।

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सिविल वाद खारिज करने की मांग
इस सम्बंध में डिक्री भी है। मंदिर मस्जिद अलग है। इसमें कोई विवाद नहीं है और सिविल वाद मियाद कानून से भी बाधित है। कहा गया कि शुरू से मस्जिद रही है। वह वक्फ सम्पत्ति है। जिसको लेकर सिविल कोर्ट को मुकदमा सुनने का अधिकार नहीं है। इस आधार पर सिविल वाद खारिज किया जाय। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) की तरफ से पक्ष रखा गया। अन्य विपक्षियों की तरफ से अधिवक्ता नसीरूज्जमा, हरे राम त्रिपाठी, प्रणय ओझा, वरिष्ठ अधिवक्ता वजाहत हुसैन खान, एम के सिंह ने पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान न्यायमित्र वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष गोयल व आकांक्षा शर्मा के अलावा वादी पक्ष के तमाम अधिवक्ता व पक्षकार मौजूद थे।

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29 फरवरी को अगली सुनवाई
वाद संख्या 7/23 मे वादी अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने का समय मांगा। सात वादों की पोषणीयता पर आदेश 7 नियम 11 के तहत आपत्ति दाखिल नहीं की गई है। अगली सुनवाई तिथि तक आपत्ति का मौका दिया गया है। वाद संख्या 3/23 मे आपत्ति पर जवाब दाखिल करने का समय दिया गया। वाद संख्या 12/23 व 14/23 मे दाखिल अर्जी वापस लेकर नये सिरे से दाखिल करने की अनुमति दी गई। मामलों की सुनवाई 29 फरवरी को साढ़े ग्यारह बजे से होगी।

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