उत्तरी सिक्किम (North Sikkim) में दक्षिण ल्होनाक झील (Lhonak Lake) के फटने के बाद तीस्ता नदी (Teesta River) में अचानक बाढ़ (Flood) जैसे हालात के कारण सिक्किम और उत्तरी बंगाल (पश्चिम बंगाल) में तीस्ता नदी के किनारे के क्षेत्रों में जानमाल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण सिक्किम के तीन जिलों में अब तक 14 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि सेना के 23 जवानों सहित 102 लोग लापता हैं।
14 लोगों की मौत की पुष्टि की
सिक्किम सरकार के भू-राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से देर रात में जारी रिपोर्ट के मुताबिक तीस्ता नदी की चपेट में आने से सिक्किम के तीन जिलों में कुल 14 लोगों की मौत हो गयी। इनमें गंगटोक जिले में 3, मंगन जिले में 4 और पाकिम जिले में 7 लोगों की मौत हुई है। नामची जिले में किसी की मौत नहीं हुई लेकिन यहां 5 लोगों के लापता होने की खबर है। इसी तरह गंगटोक में 22 लोग, मंगन में 16 लोग और पाकिम में 59 लोग तीस्ता में बह गए। घायलों की संख्या 26 बताई जा रही है, जिसमें गंगटोक में 5 और पाकिम में 21 लोग शामिल हैं।
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11 पुल ध्वस्त, 2011 लोग बचाए गए
तीस्ता नदी में आई बाढ़ से कुल 11 पुल पूरी तरह ध्वस्त हो गए, जिनमें गंगटोक में एक, मंगन में 8 और नामची में दो पुल शामिल हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उक्त चार जिलों के अलग-अलग स्थानों पर फंसे कुल 2011 लोगों को सुरक्षित बचाया गया। आपदा से 22 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित परिवारों के लिए चार जिलों में 22 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
पिछले मंगलवार-बुधवार की रात उत्तरी सिक्किम के दक्षिण ल्होनाक झील इलाके में बादल फटने से झील फट गई थी। झील के पानी से तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद उत्तरी सिक्किम से लेकर पूर्वी और दक्षिणी सिक्किम सहित उत्तरी बंगाल तक भारी नुकसान पहुंचा है।
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