Silkyara Tunnel Accident: रेस्क्यू में आई परेशानी, ये है कारण

14 नवंबर को टनल में काम करने के दौरान आंगर मशीन खराब हो गई थी। जिसके लिए रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है।

1012

उत्तरकाशी सिल्क्यारा टनल में राहत एवं बचाव के लिए कार्यरत आंगर मशीन काम करने के दौरान 14 नवंबर की देर रात खराब हो गई थी। जिससे बचाव कार्य रुक गया था। 15 नवंबर को रेस्क्यू अभियान को लगातार जारी रखने के लिए हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन को दो पार्ट में दिल्ली से भारतीय सेना के तीन विशेष हरक्यूलस मालवाहक विमान से चिन्यालीसौड़ हेलीपैड पहुंचाया गया है।

15 नवंबर को हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन दोपहर 1 बजे चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पहुंची। एसपी उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी एवं उपजिलाधिकारी बृजेश तिवारी ने बताया कि मशीन का एक पार्ट पहुंच गया है और मशीन को सुरंग तक पहुंचाया जा रहा है। इधर, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने बताया कि सुंरग के पास मशीन को जोड़ा जाएगा और शीघ्र ही ड्रिलिंग का कार्य शुरू हो जाएगा। सभी श्रमिकों को सुरक्षित रेस्क्यू करने की क़वायद तेजी से चल रही है।

आंगर मशीन हो गई खराब
दरअसल, 14 नवंबर को टनल में काम करने के दौरान आंगर मशीन खराब हो गई थी। जिसके लिए रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है। थाईलैंड की इस टीम ने गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था। नॉर्वे की एनजीआई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है, जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके। बुधवार काे एयरफोर्स के तीन विशेष विमानों ने 25 टन भारी मशीन को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर एयरलिफ्ट किया है। यह मशीन मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी।

प्रति घंटे निकाला जा रहा है 5 मीटर तक का मलबा
जानकारी के अनुसार इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर तक का मलबा निकला जा सकेगा। उम्मीद की जा रही है कि इस मशीन के जरिए 80 घंटे से टनल में कैद 40 श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही भारतीय रेल, आरवीएनएल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं। घटनास्थल पर अपर जिलाधिकारी तिरत पाल सिंह, पुलिस उपाधीक्षक अनुज कुमार, प्रसात कुमार आदि मौजूद हैं।

fire: नई दिल्ली-दरभंगा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आग, यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर बचाई जान

सिलक्यारा टनल में फंसे लोगों के न निकलने से टनल निर्माण कंपनी के खिलाफ लोगों को बढ़ता जा रहा है। जैसे -जैसे समय बढ़ रहा है वैसे-वैसे सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों के परिजनों के सब्र का बांध टूट रहा है। स्थानीय लोगों ने 15 नवंबर को सिलक्यारा टनल के पास हंगामा किया। 40 मजदूरों के ग्रुप लीडर गब्बर सिंह नेगी टनल में फंसे मजदूरों को ढांढस बंधाकर उनको जल्द बाहर निकालने की उम्मीद जगा रहा है। गब्बर सिंह के परिजन भी विगत रोज सिलक्यारा पहुंच गये हैं। उनके भाई तीरथ सिंह नेगी और पुत्र दिनभर बाहर आश लगाए बैठे हैं। वहीं अन्य कई मजदूरों के परिजन भी परेशान हैं। प्रशासन लगातार इन लोगों के संपर्क में है और उन्हें ढांढस बंधा रहा है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.