Silkyara Tunnel Operation: उत्तराखंड सुरंग में फंसे श्रमिकों (workers) को निकालने का दुनिया का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन (rescue operation) बेहद जटिल और खासा चुनौतीपूर्ण (challenging) था। भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार के बेहतर तालमेल से राहतकर्मियों ने जिस तेजी से सिलक्यारा ऑपरेशन को रिकॉर्ड समय में पूरा किया, वह दुनिया के सामने एक उदाहरण बन गया है।
दुनिया भर की नजर रेस्क्यू ऑपरेशन पर
सिलक्यारा सुरंग हादसा के बाद भारत ही नहीं, दुनिया भर की नजर रेस्क्यू ऑपरेशन पर थी। दुनियाभर में सुरंग और बड़े भूमिगत ऑपरेशन में अब तक दक्षिण अमेरिका के चिली में अगस्त 2010 में खदान ढहने से फंसे 33 मजदूरों का रेस्क्यू 5 अगस्त से 13 अक्टूबर तक पूरे 69 दिन चला। ऑपरेशन में श्रमिकों को बचा लिया था। इस ऑपरेशन में कई देशों ने आधुनिक मशीनों से काम किया।
थाईलैंड की खुली सुरंग में फंसे बच्चे
2018 में थाईलैंड की खुली सुरंग में फंसे फुटबाल खेलने वाले 12 बच्चे और उनके कोच का रेस्क्यू ऑपरेशन सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह ऑपरेशन 23 जून 2018 से 8 जुलाई 2018 तक यानी 18 दिन चला। वहां खुली सुरंग में करीब 10 किमी तक घूमने गए बच्चे और कोच भारी बारिश का पानी भरने से फंस गए थे। इस रेस्क्यू में अमेरिका, ब्रिटिश, थाइलैंड की नौसेना, पुलिस समेत अन्य एजेंसियां शामिल थीं। 18 दिनों की मशक्कत के बाद सफलता मिली। ऑपरेशन के दौरान टीम के एक सदस्य की मौत भी हुई थी।
दुनिया के दूसरे ऑपरेशनों से अलग सिलक्यारा
सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन दुनिया के दूसरे ऑपरेशन से अलग है। यहां 41 मजदूर बंद सुरंग में फंसे। कोई रास्ता न होने पर भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार ने दिनरात एक कर 17 दिनों में उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया। कठिन और चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद रेस्क्यू को समय पर पूरा कर सरकार ने रिकॉर्ड बनाया है। (हि.स.)
यह भी पढ़ें – CM Eknath Shinde के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने पर मुंबई के पूर्व मेयर दत्ता दलवी गिरफ्तार
Join Our WhatsApp Community