Silkyara Tunnel Rescue: फंसे 40 श्रमिकों का कैसा है हाल? पुलिस अधीक्षक ने दी जानकारी

पुलिस अधीक्षक की ओर से बताया गया कि टनल में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से ड्रिलिंग का काम तेज गति से चल रहा है।

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उत्तरकाशी सिलक्यारा-पॉल गॉव टनल में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश तेज गति से चल रही है। टनल में हैवी ड्रिलिंग मशीन से ड्रिलिंग की कार्यवाही युद्धस्तर पर चल रही है। मौके पर तैनात पुलिस व आपदामोचन बल पूरी तरीके से अलर्ट हैं।

पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी अर्पण यदुवंशी के निर्देशानुसार टनल के सेव पेच में पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, मेडिकल टीमों व अन्य आपदामोचन बलों द्वारा श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने व जरूरत पड़ने पर अन्य आपातकालीन कोशिश का मॉक ड्रिल करवाया जा रहा है।

फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित
पुलिस अधीक्षक की ओर से बताया गया कि टनल में अत्याधुनिक मशीनों की मदद से ड्रिलिंग का काम तेज गति से चल रहा है, अन्दर फंसे सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। श्रमिकों को समय-समय पर रसद, पानी व ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है। इसके साथ ही उनका मनोबल बनाये रखने के लिये परिजनों से लगातार बातचीत करवाई जा रही है। पुलिस हेल्प डेस्क से भी परिजनों से सम्पर्क साधकर पल-पल की अपडेट दी जा रही है। यहां पर ड्रिलिंग की कार्यवाही पूरी होने के उपरान्त रेस्क्यू के अगले चरण यानी पाइप के माध्यम से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने व जरूरत पडने पर उनको त्वरित आपातकालीन सहायता मुहैया करवाने के लिए पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, मेडिकल व अन्य आपदा मोचन बलों का मॉक ड्रिल करवाया जा रहा है। इससे सभी आपदा मोचन बलों मे एक बेहतर समन्वय बना है और किसी भी आपात दशा में सभी साथ मिलकर एक त्वरित व जरूरी सेवा दे सकेंगे।

उन्होंने बताया कि साइट पर हमारी पुलिस, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी व अन्य आपदामोचन बलों की टुकडियां 24 घंटे मुस्तैद हैं। किसी भी आपात स्थिति में त्वरित रेस्क्यू सेवाएं दी जायेंगी। प्रथमिक उपचार हेतु साइट के बाहर ही मेडिकल सहायता केन्द्र बनाये गये हैं।

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