अचानक कहां गायब हों गईं अफगानिस्तान की छह महिला मानवाधिकार कार्यकर्ताएं?

अफगानिस्तान की स्थिति बेहद खराब है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले कुछ दिनों में वहां सक्रिय छह महिला मानवाधिकार कार्यकर्ताएं अचानक गायब हो गई हैं।

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अफगानिस्तान में महिला अधिकारों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहीं छह महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता अचानक गायब हो गई हैं। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग ने इन स्थितियों पर गंभीर चिंता जाहिर की है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय प्रवक्ता रवीना शम्दासानी ने कहा कि हम उन लोगों की सेहत और सुरक्षा को लेकर गम्भीर रूप से चिंतित हैं।

अगवा करने के बाद से लापता
वैसे तो देश में सत्ताधारी प्राधिकारियों ने दो सप्ताह पहले इन लोगों के लापता होने के बाद, जांच कराने की एक घोषणा 31 जनवरी को की है मगर उन लोगों के पते-ठिकाने के बारे में अब भी कोई पुष्ट जानकारी नहीं है। 19 जनवरी की शाम को परवाना इब्राहीम खिल और उनके एक निकट संबंधी को काबुल में अगवा कर लिया गया था। उसी शाम तमाना परयानी और उनकी तीन बहनों को, काबुल में ही एक घर से अगवा किया गया था।

प्रदर्शन में लिया था हिस्सा
परवाना इब्राहीम खिल और तमाना परयानी ने 16 जनवरी को तालिबान से महिला अधिकारों को सम्मान दिए जाने की मांग करने वाले प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। उसके बाद से ऐसी खबरें मिलती रही हैं कि जिन अन्य महिलाओं ने भी प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था, उनके घरों की तलाश की जा रही थी।

जांच की मांग
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग ने अफगानिस्तान सरकार से इन महिला कार्यकर्ताओं व उनके संबंधियों के लापता होने की जांच और उसके निष्कर्ष सामने लाने की मांग की। साथ ही उनकी सुरक्षित और तत्काल रिहाई के लिए सभी सम्भव उपाय करने और जिम्मेदार तत्वों की जवाबदेही निर्धारित करने का भी आग्रह किया।

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